बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर मतगणना जारी है. अभी तक जो रुझान सामने आए हैं, उनमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बढ़त बनाए हुए है, मगर अभी भी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं हुई है और इसकी बहुमत के जादुई आंकड़े को छूने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ कांटे की टक्कर चल रही है. इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और निर्दलीय उम्मीदवारों की अहमियत बढ़ गई है और वे किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं.
राजग बेशक महागठबंधन के मुकाबले बढ़त हासिल किए हुए है, मगर इसके बावजूद, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है किवह 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत के आंकड़े (122 सीट) तक पहुंच जाएगी.
अगर रुझानों में गठबंधन से अलग अकेली पार्टी की बात की जाए तो राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिखाई दे रही है और उसके नेताओं का कहना है कि वे राज्यपाल से मिलकर कानूनी रूप से बिहार में सरकार बनाने के लिए दावा करेंगे.
अगर कोई भी गठबंधन बहुमत हासिल नहीं कर पाता है तो फिर असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम, बहुजन समाज पार्टी और अन्य निर्दलीय नेताओं की भूमिका काफी मायने रखेगी. औवेसी की पार्टी एक सीट पर जीत दर्ज कर चुकी है और चार सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बसपा एक सीट पर आगे चल रही है. इसके अलावा दो निर्दलीय भी उम्मीदवार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
एआईएमआईएम अपनी भगवा विरोधी विचारधारा के कारण अहम भूमिका निभा सकती है, भले ही ओवैसी को सीमांचल के अल्पसंख्यक बहुल गढ़ में राजद को कमजोर करने के लिए तेजस्वी यादव ने उन्हें निशाना बनाया हो.
Source : IANS