भारी विरोध के बाद बिहार सरकार ने नई रेत नीति को वापस ले लिया है। राज्य में अब पुरानी नीति से ही खनन होगा।
हालांकि सरकार की नई नीति को लागू किए जाने और फिर उसे वापस लिए जाने के बाद राज्य में सियासत तेज हो गई है। प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इस फैसले को लेकर आज बिहार बंद बुलाया है।
इस फैसले को स्वार्थ की राजनीति बताते हुए जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) ने आरजेडी पर निशाना साधा है। राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी ने कहा कि इस बंदी से न केवल प्रकाशोत्सव के लेकर शुकराना समारोह में आने वाले सैकड़ों सिख समुदाय के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा, बल्कि यह बिहार की संस्कृति का भी अपमान है।
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जेडी-यू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पटना में गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली होना बिहार के गौरव की बात है। आज जहां राज्य के लोग 23 से 25 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह के 350वीं जयंती के समापन समारोह के तहत शुकराना समारोह के आयोजन की तैयारी में व्यस्त में हैं, वहीं राजद 21 दिसंबर को बिहार बंद को सफल करने की तैयारी में है।
उन्होंने कहा, 'आरजेडी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद का यह कहना कि यह बंदी शांतिपूर्ण होगा, बल्कि आने वाले सिख संप्रदाय के लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, कितना हास्यास्पद है।'
गौरतलब है कि सरकार की नई खनन नीति के खिलाफ बिहार के ट्रांसपोर्टर सड़क पर उतर आए थे।
ट्रांसपोर्टरों के चक्का जाम के आह्वान पर ट्रक मालिक, चालक और मजदूरों ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर चक्का जाम कर दिया था और इस दौरान कई जगहों पर तोड़फोड़ की गई।
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HIGHLIGHTS
- भारी विरोध के बाद बिहार सरकार ने नई रेत नीति को वापस ले लिया है
- नई खनन नीति के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार बंद को बुलाया है
Source : News Nation Bureau