बिहार का मजफ्फरपुर इन दिनों मासूमों की लाश का शहर बनता जा रहा है. चमकी बुखार सें हर दिन कई बच्चे अपनी जान गंवा रहे हैं. बच्चों के मौत का ये आंकड़ा 100 को पार करते हुए 107 तक पहुंच गई है. लेकिन 'सुशासन बाबू' के सरकार के मंत्रियों को फिक्र क्रिकेट मैच के स्कोर की ज्यादा है. हाल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बिहार के स्वास्थय मंत्री मंगल पांडे मीटिंग के बीच में भारत-पाकिस्तान के मैच का स्कोर के बारे में पूछते नजर आ रहे हैं.
#WATCH Bihar Health Minister Mangal Pandey asks for latest cricket score during State Health Department meeting over Muzaffarpur Acute Encephalitis Syndrome (AES) deaths. (16.6.19) pic.twitter.com/EVenx5CB6G
— ANI (@ANI) June 17, 2019
दरअसल, बिहार में इन दिनों चमकी बुखार यानि कि इंसेफलाइटिस सिंड्रोम को लेकर मंत्रियों और डॉक्टरों के बीच मीटिंग रखी गई थी. इस मीटिंग में मंगल पांडे के अलावा केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और राज्यमंत्री अश्विनी चौबे मौजूद थे.
ये वीडियो के वायरल होने के बाद मंत्री की ऐसी संवेदनहीनता को लेकर उनकी काफी आलोचना हो रही है. वहीं बता दें कि राज्य में चमकी बुखार के कहर को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने रविवार को मुजफ्फरपुर में श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया था. इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, बिहार सरकार के मंत्री मंगल पांडेय और डॉक्टरों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग भी की.
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क्या है चमकी बुखाक के लक्षण ?
बता दें, इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) को चमकी, जापानी बुखार भी कहते हैं. इस बीमारी के लक्षणों में गर्दन में जकड़न, कमजोरी, उल्टी होना, भूख कम लगना, सुस्त रहना, अतिसंवेदनशील होना शामिल है. वहीं छोटे बच्चों में इंसेफेलाइटिस को ऐसे पहचान कर सकते हैं- सिर में चित्ती का उभरना, दूध कम पीना, बहुत रोना और शरीर में जकड़न नजर आना. अगर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत अस्पताल में जाना चाहिए.
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ऐसे करें इंसेफेलाइटिस से बचाव
इंसेफेलाइटिस से बचने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं. जैसे की गंदे पानी के संपर्क में आने से बचें, बच्चों को बारिश के मौसम में बेहतर खान-पान दें, मच्छरदानी या कीटनाशक दवा का उपयोग करें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. बच्चों को पूरे कपड़े पहनाएं ताकि उनकी स्कीन ढकी रहे. इसके साथ ही आप इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों को टीका भी लगवा सकते हैं.