बिहार में जनसंख्या के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं. न्यूज नेशन की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में बिहार में 'पॉप्युलेशन ब्लास्ट' की बात सामने आई है. यहां तेजी से हिंदू और मुस्लिम आबादी के बीच का अंतर घट रहा है. 1991 से 2001 का सेंसस डाटा कहता है कि इस 10 साल में बिहार में हिंदुओं की आबादी 27.11 फीसदी बढ़ी जबकि इसी दौरान मुसलमानों की आबादी 35.48 फीसदी बढ़ी. दोनों के बीच पोपुलेशन ग्रोथ का अंतर 8.37 फीसदी का रहा. वहीं 2001 से 2011 के बीच का सेंसस डेटा देखें तो इन 10 सालों में बिहार में हिंदू आबादी 24.61 फीसदी बढ़ी जबकि मुसलमानों की आबादी 27.95 फीसदी बढ़ी. यानी इन दस सालों में दोनों के बीच पोपुलेशन ग्रोथ का अंतर रहा 3.34 फीसदी.
किशनगंज में चौंकाने वाले आंकड़े
न्यूज नेशन की पड़ताल में सामने आया कि यहां मुस्लिमों की दो बिरादरी हैं. एक सूरजापुरी जो यहां के मूल निवासी हैं और दूसरी शेरशाहवादी जो 1971 में बांग्लादेश विभाजन के बाद यहां आए मुसलमानों की इन दो बिरादरी में रहन सहन और दूसरे मूल अंतर क्या है. ये हमने सीधे ग्राउंड से समझा. जब ये लोग आते हैं तो पहले रिश्तेदार के यहां ठहरते हैं. फिर धीरे धीरे वोटर आईडी बनाते हैं. पट्टे पर जमीन लेकर पहले एक घर बनता है और फिर धीरे-धीरे सैंकड़ों घर बन जाते हैं.
क्या कहते हैं राष्ट्रीय आंकड़े
राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि 1961 में देश मे मुस्लिम 10.70 फीसदी थे जो 2011 मे बढ़कर 14.23 हो गए. 1961 में हिंदुओं की आबादी 83.4 फीसदी थी और 2011 में ये घटकर 79.8 फीसदी हो गए. यानी 1961 से 2011 के बीच मुसलमानों की आबादी 3.52 फीसद बढ़ी और हिंदुओं की आबादी 3.6 फीसदी घट गई. इन पांच दशक में बिहार के किशनगंज और कटिहार जैसे सीमावर्ती जिलों में मुस्लिम आबादी 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गई. जनसंख्या विस्फोट के इसी खतरे पर बिहार के पूर्व एमएलसी हरेंद्र प्रताप सिंह पिछले कई सालों से रिसर्च करते आ रहे हैं और अपनी पूरी रिसर्च को इन्होंने किताब का रूप दिया है.
बिहार में हिन्दू-मुस्लिम आबादी
साल हिन्दू मुस्लिम
1951 - 87.65 % 11.28 %
1971 - 85.36 % 13.48 %
2001 - 83.22 % 16 .53 %
2011 - 82.69 % 16.87 %
Source : News Nation Bureau