बिहार में माहे पाक रमजान के मौके पर राजनीतिक दलों द्वारा 'दावत-ए-इफ्तार' का आयोजन करने की पंरपरा पुरानी है, लेकिन इस वर्ष आयोजित दावतों में दोनों गठबंधनों की तरफ से नए सियासी पैगाम आने लगे हैं. दोनों गठबंधनों के नेता हालांकि इसे मानने को तैयार नहीं हैं और वे एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में मशगूल हैं. कई नेता भले ही इन आयोजनों को राजनीति से दीगर बात बता रहे हों, लेकिन अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार की दावत-ए-इफ्तार कई संदेश भी दे रही है.
पिछले वर्ष की तरह इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास पर रविवार को आयोजित इफ्तार पार्टी में महागठबंधन के कई नेता पहुंचे, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर चुके और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व निभा रहे तेजस्वी प्रसाद यादव नजर नहीं आए. हालांकि, RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप कई दिनों के बाद इस अवसर पर अपनी मां के आवास पर जरूर नजर आए. इस दावत-ए-इफ्तार में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मेजबानी निभाते हुए मेहमानों का स्वागत किया. वहीं सोमवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जिसमें राबड़ी देवी और तेजप्रताप दोनों शामिल हुए लेकिन तेजस्वी नहीं आए.
Bihar: RJD's Rabri Devi and Tej Pratap Yadav attend 'iftar' hosted by former Bihar CM & HAM Chief Jitan Ram Manjhi in Patna. pic.twitter.com/2MWbJjnqGa
— ANI (@ANI) June 3, 2019
इधर, बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोग से सरकार चला रही JDU द्वारा रविवार को दी गई इफ्तार पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी तो अवश्य शामिल हुए, लेकिन बीजेपी का कोई भी नेता या विधायक नहीं पहुंचा. इससे कई सवालों को हवा मिलने लगी है.
रविवार को उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में बीजेपी के सभी नेता तो पहुंचे, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में JDU को सांकेतिक स्थान दिए जाने की पेशकश से नाराज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU का कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ. हालांकि सोमवार को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार के साथ-साथ राज्यपाल लालजी टंडन और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी शामिल हुए.
Bihar: Governor Lalji Tandon, Chief Minister Nitish Kumar and Deputy Chief Minister Sushil Modi at 'iftar' hosted by Union Minister Ram Vilas Paswan, in Patna. #Ramzan2019 pic.twitter.com/OJnzakGqWc
— ANI (@ANI) June 3, 2019
BJP नेता सुशील मोदी कहते हैं कि यह एक धार्मिक आयोजन है, इसका राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि NDA में कहीं से कोई विवाद नहीं है. बीजेपी नेता भले ही इसके इसका राजनीतिक मतलब न निकाले जाने की बात कह रहे हों, लेकिन रिश्तों में 'तल्खी' जरूर दिख रही है।
इधर, BJP के नेता के बयानों से उलट कांग्रेस के नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि भाजपा और JDU के एक-दूसरे की इफ्तार पार्टी में नहीं जाना NDA की स्थिति को स्पष्ट कर रहा है.वैसे, JDU के प्रवक्ता अजय आलोक कहते हैं, "महागठबंधन को अपने घर में देखना चाहिए। मांझी जी के आने के बाद से ही महागठबंधन में बेचैनी है. अभी तो एक ही आए हैं, कई और आएंगे,"
उल्लेखनीय है कि JDU-BJP के बीच तल्खी की शुरुआत तब शुरू हुई, जब नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह के कुछ घंटे पहले मुख्यमंत्री ने JDU को इसमें सांकेतिक रूप से शामिल किए जाने के 'ऑफर' को ठुकराते हुए मंत्रिमंडल में शाामिल नहीं होने की घोषणा की इसके दो दिन बाद ही बिहार में नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसमें भाजपा के एक भी विधायक को शामिल नहीं किया गया.
JDU ने इसके बाद स्पष्ट कहा कि भविष्य में भी वह मोदी सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी.
बहरहाल, रमजान के इस पाक महीने में बिहार में जो नई तस्वीर उभरी है, वह बिहार के सियासी तस्वीर को कितना बदलती है, यह तो आने वाला समय ही बतलाएगा, मगर खुशी के पैगाम वाले ईद के त्योहार की तैयारी में 'दावत-ए-इफ्तार' पर भी सियासत करवटें लेती दिख रही है.