Bilkis Bano Gangrape Case : सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को बिलकिस बानो गैंगरेप केस के दोषियों की रिहाई के मामले में सुनवाई पूरी हो गई है. जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से दोषियों की रिहाई करने से संबंधित मूल रिकॉर्ड अंग्रेजी अनुवाद के साथ सोमवार तक जमा करने का निर्देश दिया है. इस पर गुजरात सरकार ने समय की कमी होने की बात कही है.
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इस केस में पीड़िता बिलकिस बानो, सुभाषिनी अली, मीरान चड्ढा बोरवणकर, महुआ मोइत्रा, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन विमेन और आसमां शफीक शेख ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस पर SC ने 11 दिनों तक 6 अर्जियों पर सुनवाई की है. 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या हुई थी. इस मामले में गुजरात सरकार ने 11 दोषियों की सजा कम करके उन्हें रिहा कर दिया था. इसके बाद सरकार के इस फैसले का काफी विरोध हुआ और अब ये केस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.
जानें क्या है पूरा केस?
गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के कोच को साल 2002 के 27 फरवरी को आग के हवाले कर दिया गया था. कारसेवक इस ट्रेन से अयोध्या से वापस आ रहे थे. इस आगजनी में 59 कारसेवकों की जान चली गई थी. इसके बाद गुजरात में हिंसा भड़क उठी. हिंसा से बचने के लिए बिलकिस बानो अपने परिवार और बच्ची के साथ गांव छोड़कर चली गई थीं.
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इसके बाद साल 2002 के 3 मार्च को लोगों की भीड़ ने तलवार से बिलकिस बानो और उनके परिवार पर हमला बोल दिया. साथ ही लोगों ने बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप भी किया और उनके परिवार के 7 सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था.
Source : News Nation Bureau