गुजरात सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता बिलकिस बानो ने सोमवार को कहा कि अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए 11 दोषियों को पैरोल नहीं मिलनी चाहिए। बानो 15 वर्षो के संघर्ष के बाद एक नई जिंदगी शुरू करने की तैयारी कर रही हैं।
बानो ने इन 11 दोषियों की आजीवन कारावास की सजा को बंबई हाई कोर्ट द्वारा बरकरार रखे जाने की प्रशंसा की। उन्होंने अदालत के चार मई के फैसले में तीन दोषियों को मृत्युदंड देने की सिफारिश करने वाली सीबीआई की याचिका खारिज करने के फैसले का भी स्वागत किया और कहा कि वह बदला नहीं न्याय चाहती थीं।
बानो ने प्रेस क्लब में संवाददाताओं से कहा, 'मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। इससे देश की न्याय प्रणाली और न्याय के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है।'
गौरतलब है कि 2002 के गुजरात दंगों के दौरान कुछ लोगों के समूह ने बड़ी ही क्रूरता से बानो के साथ दुष्कर्म किया था और उनके परिवार के लगभग सभी सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था।
बानो और उनके पति याकूब ने कहा कि हम अपनी जिंदगी बिना किसी डर के जीएं, इसके लिए जरूरी है कि दोषियों को पैरोल नहीं मिलनी चाहिए।
बानो ने कहा, 'यह फैसला हमारे लिए एक नई शुरुआत करने का अवसर है। पिछले 15 वर्षो से हम इस डर के साए में जी रहे हैं। रहने का ठिकाना बदल रहे हैं, अपने घर लौट नहीं सके हैं। यह जरूरी है कि दोषियों को पैरोल नहीं मिलनी चाहिए।'
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Source : IANS