केंद्र सरकार ने 26 जुलाई को जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश किया. ये विधेयक मंगलवार को पारित हो गया है. इस विधेयक को लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यांद राय ने पेश किया. विधेयक पर चर्चा करते हुए सदन में मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि इस विधेयक में किसी तरह की शंका कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि मोदी सरकार इस विधेयक को बहुत ही पवित्र मन से लाई है. इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि लोगों के लिए सुविधाओं को सुगम बनाने के लिए मकसद से यह विधेयक लाया गया है और यह जनहित विधेयक में सभी राज्यों से परामर्श लिया गया है.
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अब रजिस्ट्रेशन कराना आसान हो जाएगा
इसमें किसी कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक से जन्म एंव मृत्यु के प्रमाणपत्र का रजिस्ट्रेशन आसान हो जाएगा. नित्यानंद राय ने 26 जुलाई को यह विधेयक पेश किय था. इसके माध्यम से जन्म और एवं मुत्यु पंजीकरण अधिनियम कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. इस विधेयक से लोगों को जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनाना एकदम सरल हो जाएगा.
आम जनता को क्या होगा फायदा
इस विधेयक का उद्देश्य जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डेटाबेस तैयार करना है. इस विधेयक के माध्यम से जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 में भी संशोधन किया जाना है. अभी तक इस एक्ट में कोई संशोधन नहीं हुआ है. आपको बता दें कि इस विधेयक के लागू होते ही जन्म पंजीकरण के दौरान माता-पिता या अभिभावक के आधार कार्ड नंबर की आवश्यकता होगी.
इस विधेयक के कारण जन्म और मृत्यु का डेटा संग्रहीत किया जाएगा, जिसके माध्यम से सरकार को विकास योजनाएं तैयार करने में मदद मिलेगी. वही अब लोगों को डिजिटल पंजीकरण और जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र के इलेक्ट्रॉनिक निष्पादन का भी प्रावधान किया गया है.
Source : News Nation Bureau