पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक टीएमसी नेता की हत्या के बाद पूरे गांव को फूंक दिये जाने और एक ही घर से 7 लोगों समेत कुल 10 लोगों की हत्या के मामले में गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ममता सरकार से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की है, जिसमें पूरे कांड पर पश्चिम बंगाल सरकार ने क्या कदम उठाए, उस बारे में जानकारी दी जाए. इस बीच स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भादू शेख (Bhadu Shiekh Murder) की हत्या के बाद आगजनी, और भीड़ के तांडव ने जो मौत का खेल खेला, उससे लोग काफी डरे हुए हैं. बागुटी गांव के लोग पलायन कर रहे हैं, ताकि वो अपनी जान बचा सकें. ग्रामीण इस आशंका से दहशत में हैं कि दोबारा ऐसी घटना होने पर वो जिंदा रह भी पाएंगे या नहीं.
गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश, बाल सुरक्षा आयोग ने मांगी रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बागुटी गांव (Baguti Village, Birbhum) में सोमवार रात एक पंचायत उपप्रधान की हत्या के बाद कथित रूप से भड़की हिंसा में कम से कम 10 लोगों की जलकर मौत हो जाने के बाद गृह मंत्रालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार से आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा. मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस अधीक्षक बीरभूम, पश्चिम बंगाल से बीरभूम की घटना की जांच करने और 3 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है. इस बीच सोशल मीडिया पर विपक्षी पार्टियों से जुड़े लोगों ने ममता सरकार से इस्तीफे की मांग की है, तो गृह मंत्रालय से राष्ट्रपति शासन लगवाने की भी मांग की. लोगों का कहना है कि ममता बनर्जी की सरकार में बर्बर सामूहिक हत्याकांड हो रहे हैं, जिसे रोकने में ममता बनर्जी सरकार पूरी तरह से फेल रही है.
ये था पूरा घटनाक्रम
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में टीएमसी नेता की हत्या के बाद भीड़ ने हमला बोल दिया और 10-12 घरों में आग लगा दी. इस दिल दहलाने वाले घटनाक्रम में 10 लोगों की जिंदा जल कर मौत हो गई. अब तक 7 शव निकाले जा चुके हैं. पुलिस ने बताया कि ये दिल दहलाने वाला मामला सोमवार शाम से शुरू हुआ, जिसमें सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पंचायत स्तर के स्थानीय नेता और उप प्रधान भादू शेख की बम मार कर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पूरी वारदात को अंजाम दिया और विरोधी पक्ष के घरों पर हमला बोल दिया. इस हत्या का आरोप राजनीतिक विपक्षी पर लगा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन इसके बाद गुस्साई भीड़ ने रामपुरहाट के बागुटी गांव पर हमला बोल दिया. उन्होंने घरों में आग लगा दी. हमला भादू शेख से जुड़े हुए लोग थे.
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दर्जनभर घरों को जलाया, बच्चों तक को नहीं छोड़ा
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भादू शेख (Bhadu Sheikh) बीरभूम जिले रामपुरहाट (Rampurhat) में आने वाले बरोसल (Barosal village) गांव के उप प्रधान थे. उनको सोमवार रात बम हमला कर मौत के घाट उतार दिया गया. जिसके बाद भीड़ ने विरोधी पक्ष के घरों पर हमला बोल दिया. पुलिस ने बताया कि भीड़ ने बगुती गांव में एक दर्जन से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया, जिसमें कम से कम 10 लोग जिंदा जल गए. इनमें से 7 लोगों के शवों को निकाल लिया गया है. हालांकि बुरी तरह से जल जाने की वजह से शवों की पहचान नहीं हो पा रही है. इनमें से अधिकांश बच्चे हैं.
HIGHLIGHTS
- बागुटी गांव में सामूहिक हत्याकांड
- सामूहिक हत्याकांड के बाद ग्रामीणों का पलायन
- गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट