पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का आज 57वां जन्मदिन है. 1 जुलाई 1961 को अंतरिक्ष परी का जन्म हुआ था. हरियाणा के करनाल में पैदा हुईं कल्पना चावला कहा करती थी कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनीं हूं, हर पल अंतरिक्ष के लिए बिताया और इसी के लिए मरूंगी.' कल्पना के ये शब्द सच हो गए, अंतरिक्ष से लौटते वक्त वो उसी में विलीन हो गईं. कल्पना जमीन पर कदम नहीं रख पाईं. 41 साल की उम्र में कल्पना चावला हादसे की शिकार हो गईं. अपनी कई सारी यादों को छोड़कर वो दुनिया को अलविदा कह गईं.
कल्पना चावला की पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन स्कूल में हुई थी. तब शायद ही किसी ने सोचा था कि वो इतना बड़ा मुकाम हासिल करेंगी. कल्पना चावला को बचपन से ही ट्रैवल करने का शौक था. उन्हें किताबें भी पढ़ना पसंद था. अपनी स्कूली शिक्षा के बाद, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से उन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वह अमेरिका चली गईं.
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एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में वो मास्टर की डिग्री ली. चावला ने मास्टर में दूसरी डिग्री 1986 में हासिल की. जबकि उन्होंने अपनी पीएचडी 1988 में पूरी की.
बचपन से ही अंतरिक्ष और विज्ञान में रूची रखने वाली कल्पना 1988 में नासा के साथ काम करना शुरू किया. कंप्यूटेशनल फ्लूयड डायनामिक्स (सीएफडी) नाम के खास प्रोग्राम में कल्पना ने यहां काम किया. कल्पना नासा में रहते हुए कई रिसर्च प्रोग्राम में काम किया.
कल्पना चावला का पहला स्पेस मिशन 19 नवंबर 1997 में शुरू हुआ. कल्पना स्पेस में जाने वाली छह यात्रियों में से एक थी. चावला ऐसा करने वाली पहली महिला और राकेश शर्मा के बाद दूसरी भारतीय थीं.
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इसके बाद कल्पना चावला 16 जनवरी 2000 में दूसरी बार स्पेस पर गई. वो इस बार STS-107 क्रू का हिस्सा थीं. लेकिन किसने सोचा था कि कल्पना का यह मिशन आखिरी मिशन साबित होगा. 1 फरवरी 2003 को जब वो लौट रही थी तब तकनीकी खराबी की वजह से उनका स्पेस शटल धरती पर उतरने से पहले दुर्घटना का शिकार हो गया. जिसमें कल्पना हम सबको छोड़कर चली गईं.