नवजोत सिंह सिद्धू एक ऐसा व्यक्ति जो न सिर्फ क्रिकेट बल्कि राजनीति, शायरी और हंसी ठहाकों को एक नया मुकाम दिया. क्रिकेट में मैदान पर राज और शायरी के कारण लोगों के दिलों में राज करने वाले सिद्धू फिलहाल पंजाब सरकार में मंत्री भी हैं. 20 अक्टूबर 1963 को पंजाब के पटिलाया जिले में जन्मे सिद्धू के पित भी एक क्रिकेटर थे और वह सिद्धू को भी एक सफल क्रिकेटर बनाना चाहते थे. साल 1983 से लेकर 1999 तक उन्होंने क्रिकेट के मैदान में खूब सुर्खियां बटोरी.
साल 1987 के वर्ल्डकप में 7 मैच की 5 पारियों में 4 अर्धशतक ठोकने के बाद उनके सितारे बुलंदियों की ओर था. इस दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा 276 रन बनाए. इस टूर्नामेंट में इस बल्लेबाज के बल्ले से 10 छक्के लगे.
सिद्धू ने 51 टेस्ट में 42 से ज्यादा की औसत से 3202 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 9 शतक भी लगाए। वनडे में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। 136 वनडे में उन्होंने करीब 37 की औसत से 4413 रन बनाए। वनडे में भी उन्होंने 6 शतक जमाए थे।
साल 1999 में क्रिकेट से विदा लेने के बाद 2001 में उन्हें बतौर कमेंटेटर अपना करियर शुरू किया. कमेंटरी के दौरान सिद्धू काफी मशहूर हो गए, उनके वन लाइनर की तारीफ होने लगी.
कमेंटरी के दौरान शायरी से हर बात को बताना सिद्धू का स्टाइल बन गया. सुनील गावस्कर बताते हैं कि खेलने के दौरान सिद्धू बिल्कुल चुपचाप रहते थे, यहां तक की मैन ऑफ द मैच बनने के बाद भी वह काफी डरते थे कि वहां क्या बोलना है।
दरअसल ये भी कहा जाता है कि क्रिकेट करियर के अंतिम पड़ाव के दौरान उन्होंने स्वामी विवेकानंद की किताबों को पढ़ना शुरू कर दिया, इसके बाद तो उनकी जिंदगी ही बदल गई.
फिलहाल सिद्धू राजनीति में हैं और पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री बने हुए हैं. इससे पहले वह बीजेपी के सांसद भी रह चकु हैं.
Source : News Nation Bureau