भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी इंडिजिनस पीपल फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने जम्मू एवं कश्मीर को दिए विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने और संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के भारत सरकार के निर्णय का सोमवार को विरोध किया. त्रिपुरा में भाजपा सरकार की सहयोगी आईपीएफटी के अलावा राज्य की सबसे पुरानी गैर-वामपंथी आदिवासी-आधारित पार्टी इंडिजिनस नेशनल पार्टी ऑफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) ने भी सरकार के फैसले का विरोध किया.
त्रिपुरा के राजस्व और मत्स्य मंत्री और आईपीएफटी के अध्यक्ष चंद्र देबबर्मा से कहा, 'हम संविधान में दिए गए अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए का समर्थन करते हैं, साथ ही जम्मू एवं कश्मीर राज्य को दिए गए विशेष अधिकारों को उचित मानते हैं. हम संविधान के दोनों महत्वपूर्ण प्रावधानों पर यथास्थिति बनाए रखने के समर्थक हैं.'
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आईएनपीटी के महासचिव जगदीश देबबर्मा ने कहा, 'किसी भी प्रकार की आगे की परेशानी से बचने के लिए अनुच्छेद 370 और संविधान के अनुच्छेद 35ए पर यथास्थिति बनाए रखना अनिवार्य होगा.'