मध्य प्रदेश किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी को घेरने में जुटी विपक्षी दलों की रणनीति सरकार पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है।
मंदसौर हिंसा में 6 किसानों की मौत के बाद राज्य में शांति बहाली के लिए अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे शिवराज सिंह चौहान पार्टी में अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। किसान आंदोलन के साथ सरकार के बर्ताव से नाराज एनडीए के सहयोगी दल ने विपक्ष के साथ हाथ मिलाने का फैसला लिया है।
महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले बीजेपी के सहयोगी दल ने कहा है कि वह किसानों के मुद्दे को लेकर विपक्ष के साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं।
महाराष्ट्र से लोकसभा सांसद और बीजेपी के सहयोगी राजू शेट्टी ने कहा कि जिस तरीके से राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने किसान आंदोलन के साथ बर्ताव किया, उससे वह खुश नहीं है।
बीजेपी शासित दो राज्य मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र किसान आंदोलन की चपेट है। किसानों से जुड़े मुद्दे को देखते हुए विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक तेज हो गई है।
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इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को जनता दल यूनाइटेड के नेता शरद यादव से मुलाकात की थी। शेट्टी 14 जुलाई को शरद यादव से मिलने वाले हैं।
शेट्टी ने कहा, 'मैं बीजेपी के साथ अपने गठबंधन को लेकर विचार कर रहा हूं। मैं इस मुद्दे को लेकर सरकार के बर्ताव से खुश नहीं हूं। मैं किसानों की मांग और मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय आंदोलन चलाने की योजना बना रहा हूं। इसी सिलसिले में मेरी शरद यादव से मुलाकात होगी।'
वहीं सीपीएम नेता सीताराम येचुरी भी यादव से मिल चुके हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट की भी शरद यादव से मुलाकात हो सकती है। हालांकि वह पहले भी यादव से मिल चुके हैं। विपक्ष नर्मदा बचाओ आंदोलन की एक्टिविस्ट मेधा पाटेकर के भी संपर्क में है।
शुक्रवार को राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने मंदसौर में जाकर गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिवारवालों से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन सरकार ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
शिवराज सरकार के खिलाफ शिवसेना
विपक्षी दल कांग्रेस ने जहां शिवराज के उपवास को 'नौटंकी' करार दिया है, वहीं बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना ने भी किसान आंदोलन के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिव सेना ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को उपवास पर बैठने की बजाए मंदसौर कर दौरा कर किसानों को शांत करना चाहिए था।
मंदसौर ही किसान आंदोलन का केंद्र रहा है। किसान आंदोलन की शुरुआत यही से हुई थी जो अब तेजी से मध्य प्रदेश के अन्य इलाकों में फैल चुकी है। मंदसौर में हुई फायरिंग में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है।
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भोपाल के दशहरा मैदान पहुंचे सेना के मीडिया प्रभारी अपूर्व दुबे ने कहा, 'मुख्यमंत्री को यहां बैठने की बजाए मंदसौर जाकर किसानों की मदद करनी चाहिए थी। जब तक किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो जाता है तब तक उन्हें यहां बैठना चाहिए वरना हम किसानों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ जाएंगे।'
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'किसान आंदोलन चौहान सरकार, राज्य की नौकरशाही और पुलिस की विफलता का नतीजा है।'
शिवराज के उपवास पर बैठने और बातचीत की अपील के बाद भी किसानों ने आंदोलन को वापस नहीं लिया है। पड़ोसी राज्यों में आंदोलन को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान सरकार के संपर्क में है लेकिन अभी तक शिवराज सरकार को केंद्र से कोई बड़ी राहत नहीं मिली है।
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HIGHLIGHTS
- मध्य प्रदेश किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी को घेरने में जुटी विपक्षी दलों की रणनीति सरकार पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है
- किसान आंदोलन के साथ सरकार के बर्ताव से नाराज एनडीए के सहयोगी दल ने विपक्ष के साथ हाथ मिलाने का फैसला लिया है
Source : News Nation Bureau