यूपी चुनाव में कुर्मी वोट भाजपा और अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल एस से छिटक गया था. 2024 के चुनाव से पहले कुर्मी वोट साधने के लिए दोनों गठबंधन सहयोगी एक्टिव मोड में आ गए हैं. अनुप्रिया पटेल ने छिटके कुर्मी मतदाताओं को फिर से साथ लाने के लिए खास प्लान बनाया है. लोकसभा चुनाव को लेकर हर दल वोटों का गणित सेट करने में जुट गया है. समाजवादी पार्टी सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक यानी पीडीए फॉर्मूले की बात कर अपनी रणनीति साफ कर दी थी. अब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी बीजेपी भी पिछड़ा वोट बैंक बचाए रखने के लिए जोर लगाती नजर आ रही है.
बीजेपी और उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए ने शक्ति प्रदर्शन के लिए अपना दल एस के स्थापना दिवस 2 जुलाई को चुना है. उसी दिन सोनेलाल पटेल की जयंती भी है. अपना दल एस की अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल भी इसे शक्ति प्रदर्शन के अवसर के रूप में ले रही हैं. अनुप्रिया इस मौके पर बड़े आयोजन की तैयारी में हैं.
गृह मंत्री अमित शाह भी अपना दल एस के इस आयोजन में शामिल होंगे. कार्यक्रम के लिए निषाद पार्टी के संजय निषाद, बिहार से लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के चिराग पासवान और महाराष्ट्र से आरपीआई के रामदास अठावले को बुलाए जाने की चर्चा है. 2022 के चुनाव में पूर्वांचल के कई इलाकों में कुर्मी मतदाता बीजेपी से छिटक गए थे. ये मतदाता अनुप्रिया की बहन पल्लवी पटेल की पार्टी अपना दल कमेरावादी और सपा के साथ चले गए थे. भाजपा 2024 में पूरी ताकत के साथ उतरना चाहती है. इसके लिए वह सहयोगी दलों को मनाने में लगे हैं. साथ ही उनका विश्वास जीतना चाहता है. इसके लिए वह जगह-जगह कार्यक्रम आयोजन कर विशेष समुदाय को रिझाने में लगी है. अब देखना है कि यह है कि 2024 के चुनाव में भाजपा कितनी सीटों पर विजयी होती है.
Source : News Nation Bureau