कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन विधेयक मोदी सरकार (Modi Government) के लिए विपक्ष को एकजुट होने का मौका दे रहे हैं. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) नागरिकता संशोधन कानून की तरह ही इसे भी विपक्ष का बेफिजूल हंगामा बता रहे हैं. इसी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को है. हालांकि इसी मसले पर शिरोमणि अकाली दल (SAD) की एकमात्र मंत्री हरसमिरत कौर (Harsimrat Kaur) ने इस्तीफा भी दे दिया है. इन सब घटनाओं के बीच बीजेपी इस बात को लेकर आश्वस्त है कि इन विधेयकों को राज्यसभा की भी मंजूरी मिल जाएगी.
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पीएम मोदी ने दिए संकेत
बीजेपी राज्यसभा में कृषि विधेयकों के भविष्य को लेकर कितना आश्वस्त है, इसका अंदाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों से लगाया जा सकता है. मोदी ने इन विधेयकों को किसानों के हित में बताते हुए विरोधी पक्षों पर जोरदार हमला बोला है. संसद के निचले सदन लोकसभा में विपक्षी दलों के साथ-साथ सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के कड़े ऐतराज के बावजूद पीएम ने खुद से कृषि विधेयक के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया है. यानी साफ है कि सरकार इस बिल के भविष्य को लेकर तनिक भी उहापोह की स्थिति में न होकर बिल्कुल आश्वस्त है. ऐसे में कहा जा सकता है कि संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में तीनों विधेयकों को जल्दी ही पेश किया जाएगा.
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राज्यसभा की गणित
245 सदस्यों की राज्यसभा में एनडीए अब भी बहुमत से दूर है, लेकिन यहां कई क्षेत्रीय पार्टियां पिछले संसद सत्र में कई मुद्दों पर साथ दे चुकी हैं. उनके समर्थन से सरकार ने कई विधेयकों को कानून का रूप दे दिया. इसी के मद्देनजर बीजेपी नेताओं ने कृषि विधेयकों को राज्यसभा में 130 सदस्यों के समर्थन का दावा किया है. इनमें एआईएडीएमके के नौ, टीआरएस के सात और वाईएसआर कांग्रेस के छह सदस्य भी शामिल हैं. ये तीनों दल सत्ताधारी एनडीए का हिस्सा नहीं हैं.
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जोड़-घटाने की गणित
राज्यसभा में अभी 86 सांसदों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी जबकि 40 सदस्यों के साथ कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी है. शिरोमणि अकाली दल के तीन राज्यसभा सांसद निश्चित रूप से बिल के विरोध में वोट करेंगे. हालांकि, एनडीए के पुराने साथियों में एक और अब विपक्ष का हिस्सा हो चुकी शिवसेना ने इन बिलों का समर्थन किया है. महाराष्ट्र के इस दल के राज्यसभा में तीन सदस्य हैं. आम आदमी पार्टी के तीन सदस्य, समाजवादी पार्टी के आठ सांसद, बीएसपी के चार सांसद भी बिल के विरोध में वोट करेंगे. बिल का विरोध कर रहे दलों का आकलन करने पर राज्यसभा में 100 सांसदों के कृषि विधेयकों के विरोध में वोट करने का अनुमान है.