महाराष्ट्र विधानसभा का उद्धव ठाकरे सरकार के विश्वास मत के लिए बुलाया गया विशेष सत्र भारी हंगामाखेज रहा. विपक्ष में बैठे बीजेपी के विधायकों ने सत्र बुलाए जाने में नियमों की अवहेलना का आरोप लगा सदन में जबर्दस्त नारेबाजी की. बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस सरकार का बड़ा आरोप यही था कि नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण ही नियमों को ताक पर रखकर किया गया. ऐसे में बहुमत साबित करने के लिए बुलाया गया सत्र ही नियम विपरीत है. इसके साथ ही बीजेपी ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को भी नियमों के विपरीत बताया. साथ ही पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल से कर सदन का कार्रवाई निरस्त करने की मांग की जाएगी. इस दौरान बीजेपी के वॉक ऑउट के बीच उद्धव ठाकरे ने 169 विधायकों का समर्थन हासिल कर विश्वास मत हासिल कर लिया.
वॉक ऑउट के बाद महाराष्ट्र विधानभवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विधानसभा का कामकाज नियमों को ताक पर रख कर किया गया. संविधान में मंत्रियों के शपथ लेने का एक निर्धारित फॉर्मेट होता है. एक भी शब्द के इधर-उधर होने पर शपथ नहीं मानी जाती है. इस लिहाज से देखें तो शपथ ग्रहण समारोह में किसी ने बाला साहब का नाम लिया, तो किसी ने सोनिया का और किसी ने शरद पवार का नाम लिया. ऐसे में शपथ ही पूरी तरह से अवैध है.
इसके बाद बीजेपी ने प्रोटेम स्पीकर को हटा कर नया प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने पर भी निशाना साधा. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रोटेम स्पीकर को हटाकर दूसरे स्पीकर की नियुक्ति भी असंवैधानिक है. इसके अलावा बहुमत स्थायी स्पीकर के सामने होता है. ऐसे में यहां प्रोटेम स्पीकर के जरिये कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्पीकर का चुनाव सीक्रेट बैलट पेपर से होना चाहिए, जो कि यहां नहीं हो रहा. इसलिए यह कार्रवाई असंवैधानिक है और असंवैधानिक कार्रवाई वाले विधानसभा में हम नहीं बैठेंगे. इसके साथ ही बीजेपी ने शिकायत लेकर राज्यपाल के पास जाने की भी बात कही है.