ऐसा लग रहा है कि कर्नाटक की वैकल्पिक सरकार को लेकर कयासों के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहती. खासकर तब और भी नहीं, जब कांग्रेस-जेडी(एस) के 17 बागी विधायकों के सिर पर तलवार लटक रही हो. इन पर स्पीकर को फैसला लेना है. साथ ही इनसे संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है. यही वजह है कि कर्नाटक बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं, जो गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे. बीजेपी आलाकमान से हरी झंडी मिलने के बाद ही बीएस येदियुरप्पा राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
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कुछ कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के पक्षधर
बीजेपी से जुड़े सूत्रों की मानें तो पार्टी अगला कदम उठाने से पहले अपने सारे विकल्पों पर मंथन कर लेना चाहती है. पार्टी का एक तबका कर्नाटक में नए सिरे से विधानसभा चुनाव करा स्पष्ट बहुमत के बल पर सरकार बनाने का पक्षधर है. दूसरा तबका चाहता है कि पार्टी को आगे बढ़ सरकार बनाने का दावा पेश कर देना चाहिए. हालांकि बागी विधायकों पर स्पीकर रमेश कुमार या सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक अगला कदम उठाने से बच रही है. यही वजह है कि बुधवार को होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक अचानक बगैर कोई कारण बताए टाल दी गई. बीजेपी आलाकमान फिलहाल देखो और इंतजार करो की नीति पर चल रहा है.
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कर्नाटक के बीजेपी नेता दिल्ली पहुंचे
इस बीच बुधवार रात जगदीश शेट्टार, बसवराज बोम्मई और अरविंद लिंबावली समेत कर्नाटक बीजेपी के कई नेता दिल्ली पहुंचे. ये सभी नेता गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि इस दौरान सरकार गठन को लेकर सियासी हालात और समीकरणों पर चर्चा होगी. इससे पहले कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा स्पष्ट कह चुके हैं कि वह कर्नाटक में वैकल्पिक सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए पार्टी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं.
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बागी विधायकों को लेकर फजीहत नहीं चाहता केंद्रीय नेतृत्व
गौरतलब है कि कांग्रेस और जेडीएस के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए हैं. इन विधायकों ने राज्य विधानसभा से उनकी अयोग्यता की मांग वाली याचिका के संबंध में स्पीकर के सामने पेश होने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है. उधर कांग्रेस और जेडीएस ने बागी विधायकों के खिलाफ दलविरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराने का अनुरोध स्पीकर से किया है. यानी बागी विधायकों के मसले पर किसी किस्म की फजीहत से बचने के लिए ही बीजेपी आलाकमान जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहता है.
HIGHLIGHTS
- बीजेपी का एक तबका कर्नाटक में नए सिरे से विधानसभा चुनाव का पक्षधर.
- बागी विधायकों पर स्पीकर या सुप्रीम कोर्ट का फैसला देखना चाहती है बीजेपी.
- गुरुवार को राज्य नेताओं की अमित शाह और जेपी नड्डा से बैठक होगी.