भाजपा ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस पर त्रिपुरा में राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए कृत्रिम परेशानी पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि वह राज्य में शांति और विकास के खिलाफ तृणमूल की साजिशों के विरोध में जल्द ही संगठनात्मक कार्यक्रम शुरू करेगी।
मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने सिलसिलेवार ट्वीटों में तृणमूल का नाम लिए बिना कहा कि एक वर्ग सक्रिय है और वह राज्य में विकास की गति को रोकने के लिए राजनीतिक लाभ हासिल करने की साजिश रच रहा है। लेकिन विकास की प्रक्रिया को पटरी से उतारने की उसकी साजिश विफल हो जाएगी।
त्रिपुरा में भाजपा द्वारा शनिवार और रविवार को अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कथित हमले के विरोध में तृणमूल सांसदों ने सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया।
इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव संगठन बी.एल. संतोष ने एक ट्वीट में कहा, दो दिन पहले त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब के काफिले पर हमला करने और पश्चिम बंगाल में 100 कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्याओं की इंजीनियरिंग के बाद, एआईटीसी सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध करने का दुस्साहस किया है। वे अपनी आत्मा को टटोलें, फिर विरोध करें।
त्रिपुरा राज्य भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य की शांति और विकास को बाधित करने की तृणमूल की साजिशों के विरोध में जल्द ही कुछ संगठनात्मक कार्यक्रम शुरू करेगी।
चक्रवर्ती ने मीडिया से कहा, राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की तृणमूल की साजिश के खिलाफ हमारे कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हमारे मुख्यमंत्री (देब) पर कई मौकों पर हमला किया गया, जब वह बंगाल में विभिन्न पार्टी कार्यक्रमों में गए। हम किसी भी पार्टी के खिलाफ नहीं हैं। हमें त्रिपुरा में प्रचलित कानून और कोविड प्रोटोकॉल को बनाए रखना है।
भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने कहा कि तृणमूल त्रिपुरा में पूरी तरह से अप्रासंगिक है। वह बंगाल से पूर्वोत्तर राज्य में राजनीतिक हिंसा के वायरस को फैलाने की कोशिश कर रही है। वह बाहरी लोगों के साथ है और माकपा का समर्थन कर परेशानी और अराजकता को बढ़ावा दे रही है।
दूसरी ओर, तृणमूल के मुख्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने सोमवार को दावा किया कि भाजपा सरकार का जीवनकाल सिर्फ डेढ़ साल है, क्योंकि विधानसभा चुनाव 2023 की शुरुआत में ही होंगे।
पार्टी के महासचिव घोष ने कहा कि त्रिपुरा के लोगों ने वर्षों से कांग्रेस, वाम दलों और भाजपा के शासन को देखा है और अब लोगों के कीमती वोटों से 2023 में तृणमूल के नेतृत्व वाली सरकार बनेगी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को बीजेपी अधिकार आयोग बताते हुए, उन्होंने एनएचआरसी से त्रिपुरा के लोगों पर भाजपा के अत्याचारों को दर्ज करने के लिए त्रिपुरा आने का आग्रह किया।
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Source : IANS