Advertisment

असम कांग्रेस में फिर टूट, 2 MLA समेत AIUDF का MLA भी बीजेपी में

असम विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के दो विधायक विपक्षी एआईयूडीएफ विधायक फणीधर तालुकदार सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Assam

बीजेपी असम में बढ़ा रही है अपनी संख्या.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

असम विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के दो विधायक विपक्षी एआईयूडीएफ विधायक फणीधर तालुकदार सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए. आधिकारिक और पार्टी सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. असम विधानसभा के एक अधिकारी ने कहा कि भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक ने स्पीकर बिस्वजीत दैमारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. तालुकदार के इस्तीफे से विधानसभा की पांच सीटें खाली हो गईं. भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तालुकदार ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात की, जिन्होंने उनका भजपा में स्वागत किया.

भाजपा नेता ने कहा कि तालुकदार बुधवार रात पार्टी के प्रदेश मुख्यालय गए और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भाबेश कलिता की मौजूदगी में औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हो गये. भाजपा के सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) के उम्मीदवार रंजीत डेका को हराने वाले तालुकदार ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र और असम के लोगों के 'व्यापक हित' के लिए एआईयूडीएफ छोड़ दिया और राज्य के लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे. तालुकदार मुस्लिम आधारित पार्टी एआईयूडीएफ में अकेले हिंदू विधायक थे, जिनकी 126 सदस्यीय असम विधानसभा में ताकत अब घटकर 15 हो गई है.

भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी पश्चिमी असम की भबनीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में तालुकदार को टिकट दे सकती है. 1 अगस्त को असम कांग्रेस के दो बार विधायक सुशांत बोरगोहेन भाजपा में शामिल हो गए, जबकि 21 जून को चार बार के कांग्रेस विधायक और असम के चाय बागान के प्रमुख नेता रूपज्योति कुर्मी ने पार्टी छोड़ दी और भगवा पाले में शामिल हो गए. मार्च-अप्रैल के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 60 सीटें जीतीं, जबकि उसके चुनावी सहयोगी एजीपी और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने 9 और 6 सीटें हासिल कीं. असम के पूर्व मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल, जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं, उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है.

कांग्रेस जिसने 15 वर्षों (2001-2016) तक असम पर शासन किया, उसने पिछले विधानसभा चुनावों में 29 सीटें जीती. 2016 के चुनावों की तुलना में तीन अधिक थी. कांग्रेस के अन्य सहयोगियों में से 10-पार्टी 'महाजोत' के नेतृत्व में, एआईयूडीएफ ने पिछली बार 13 से 16 सीटें जीतीं, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) को 12 के मुकाबले चार सीटें मिलीं और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्‍सवादी सिर्फ एक जीती सीट सकी. असम कांग्रेस ने इस सप्ताह की शुरूआत में कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा की अध्यक्षता में एक कोर कमेटी की बैठक के बाद घोषणा की कि एआईयूडीएफ और बीपीएफ अब राज्य में 'महाजोत' (महागठबंधन) के भागीदार नहीं होंगे. बोरा ने मीडिया को बताया था कि पार्टी ने बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाली एआईयूडीएफ और आदिवासी पार्टी बीपीएफ से नाता तोड़ने का फैसला किया है. यूपीपीएल और बीपीएफ के एक-एक विधायक की मौत हो गई थी.

HIGHLIGHTS

  • पूर्वोत्तर में बीजेपी बढ़ा रही है अपनी संख्या
  • अब कांग्रेस के दो विधायकों ने थामा दामन
  • एआईयूडीएफ का एक एमएलए भी खेमे में
BJP congress बीजेपी असम कांग्रेस MLA विधायक AIUDF Defection एआईयूडीएफ शामिल
Advertisment
Advertisment