फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट (एफटीआईआई) में गजेंद्र चौहान और सेंसर बोर्ड में पहलाज निहलानी की नियुक्ति पर उठ चुके सवालों के बाद मोदी सरकार एक और विवाद में फंस सकती है। सूत्रों और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी सरकार जल्द ही अपनी पार्टी के एक बड़े नेता को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का सदस्य नियुक्त कर सकती है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार NHRC के सूत्र ने बताया ये पहली बार है कि जब राजनीति में सक्रिय में कोई नेता इस आयोग का सदस्य होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए अविनाश राय खन्ना का नाम सामने आ रहा है, जो बीजेपी के उपाध्यक्ष हैं। अविनाश फिलहाल जम्मू और कश्मीर बीजेपी के प्रभारी हैं और इसी साल अप्रैल तक राज्य सभा के सदस्य रहे थे।
खबरों के मुताबिक NHRC में खाली पदों पर नियुक्ति के लिए पिछले ही महीने पैनल की बैठक हुई और अविनाश का नाम तय हो चुका है। बैठक में इस पर कोई असहमति भी नहीं हुई।
गौरतलब है कि मानवाधिकार एक्ट- 1993 के सेक्शन तीन के मुताबिक केवल किसी पूर्व चीफ जस्टिस को ही NHRC का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
वहीं, नियमों के अनुसार बाकी के चार सदस्यों में एक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधिश और एक हाई कोर्ट पूर्व मुख्य न्यायाधिश का नाम शामिल होना चाहिए। जबकि अन्य दो पदों पर मानवाधिकार विषय से जुड़े किसी भी जानकार को नियुक्त किया जा सकता है।
Source : News Nation Bureau