टूलकिट मामले पर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसके पीछे की साजिशों का खुलासा किया. वहीं, इस मामले पर हो रही सियासत पर बीजेपी नेता संबित पात्रा ने राजनीति करने वालों पर सावल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि दिशा रवि के बारे में दिल्ली पुलिस ने प्रेस वार्ता कर टूलकिट के पीछे साजिश के बारे में बात की. अगर देश की संप्रभुता और अखंडता नहीं है से खिलावाड़ नहीं तो इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश करने वालों को जवाब नहीं देना चाहिए. टूलकिट के जरिए देश को बांटने की कोशिश करने वाले टुकड़े-टुकड़े गिरोह को कानून का सामना करना पड़ रहा है, तो उन सबको परेशानी हो रही है.
दरअसल, पुलिस का कहना है कि टूल किट मामले में गूगल से रिप्लाई मिलने के बाद उसे साक्ष्य बनाते हुए आगे की कार्रवाई की गई. क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट को ट्वीट करने के बाद डिलीट किया था, उसे दिशा रवि ने कई बार एडिट किया था. कोर्ट में जब पुलिस रिमांड पर सुनवाई हुई तो दिशा रो पड़ी और उसने कबूल किया कि उसने 2 लाइन एडिट की थी. पुलिस ने दिशा का मोबाइल जब्त किया है लेकिन उसका डाटा पहले ही डिलीट किया जा चुका था जिसे अब पुलिस रिट्रीव करेगी.
दिल्ली पुलिस के अनुसार 11 जनवरी को जूम मीटिंग की गई थी. इस मीटिंग में निकिता, शांतनु और दिशा रवि शामिल थे.
इस मीटिंग में एमओ धालीवाल भी शामिल हुए थे. इस मीटिंग में ये तय किया गया कि 26 जनवरी से पहले ट्विटर स्टॉर्म पैदा किया जाएगा. साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी प्रेम नाथ ने कहा कि पुलिस का दावा है कि इस मीटिंग में ट्विटर स्टॉर्म के लिए हैशटैग तय किया गया और पूरी योजना बनाई गई. पुलिस का दावा है कि दिशा और निकिता के लैपटॉप से आपत्तिजनक सूचनाएं बरामद की गई है. अभी तक इस मामले में जो तीन नाम सामने आए हैं, उनमें दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु शामिल हैं. किसान आंदोलन के मुद्दे को हथियार बनाकर देश को बदनाम करने और माहौल खराब करने के लिए बनाई गई टूलकिट.
Source : News Nation Bureau