मोदी सरकार ने जब वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू किया था तब इसे टैक्स रिफॉर्म का सबसे बड़ा कदम बताया था. लेकिन अब बीजेपी के ही एक सासंद ने इसे 21वीं सदी का सबसे बड़ा पागलपन बता दिया है. वो सांसद हैं सुब्रमण्यम स्वामी (subramanian swamy). अपनी ही सरकार की कई मुद्दों पर आलोचना करने वाले राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जीएसटी (GST) पर कहा, 'आप उन्हें (निवेशकों) को आयकर और जीएसटी, जो कि 21वीं सदी का सबसे बड़ा पागलपन है, इसके जरिये आतंकित मत कीजिए.'
उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी इतना जटिल है कि कोई भी यह नहीं समझ पा रहा है कि कहां कौन सा फार्म भरना है और वे चाहते हैं कि इसे कंप्यूटर पर अपलोड किया जाए.
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बीजेपी के वरिष्ठ सासंद सुब्रमण्यम स्वामी (subramanian swamy) ने कहा कि देश को 2030 तक महाशक्ति बनने के लिए सालाना 10 फीसदी की वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ना होगा.
सुब्रमण्यम स्वामी प्रज्ञा भारत द्वारा आयोजित ‘भारत- वर्ष 2030 तक एक आर्थिक महाशक्ति’ विषय पर आयोजित सम्मेलन में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश ने 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल की है. लेकिन कांग्रेस द्वारा आगे बढ़ाए गए सुधारों में आगे कोई बेहतरी नहीं दिखाई दे रही है.
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इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी अजीबो गरीब बयान दिया था. उन्होंने केन्द्र सरकार को सलाह दी कि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए नोटों पर धन की देवी लक्ष्मी जी का चित्र छापा जाए. स्वामी ने इंडोनेशिया में नोटों पर भगवान गणेश की प्रतिमा छपी होने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर पत्रकारों से कहा, ‘मैं तो कहता हूं कि (भारतीय नोट) पर लक्ष्मी का चित्र होना चाहिए. गणपति विघ्नहर्ता हैं, लेकिन देश की करेंसी को सुधारने के लिए लक्ष्मी का चित्र हो सकता है और किसी को इसमें बुरा नहीं लगना चाहिए.'