उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार के लिए गले की फांस बन चुका बलिया कांड (Balia Case) स्थानीय बीजेपी नेताओं के बड़बोलेपन से सियासत में तब्दील हो गया है. करेला वह भी नीम चढ़ा की तर्ज पर स्थानीय विधायक सुरेंद्र सिंह की बयानबाजी ने कांग्रेस और सपा समेत शेष विपक्ष को भाजपा के खिलाफ तीखा हमलावर होने का मौका और दे दिया है. बैकफुट पर आए बीजेपी नेताओं खासकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तो यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से बातचीत कर विधायक सुरेंद्र सिंह को चेतावनी दे डाली है.
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हो सकता है कारण बताओ नोटिस भी जारी
सूत्रों के मुताबिक यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से जेपी नड्डा ने साफतौर पर कहा कि विधायक सुरेंद्र सिंह बलिया घटना की जांच में किसी प्रकार का दखल देने की कोशिश न करें. इससे बाज नहीं आने पर पार्टी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. इतना ही नहीं, नड्डा ने कहा है कि इस मामले में विधायक को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जाए. इससे पहले मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह के समर्थन में आए बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह को स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को लखनऊ तलब किया था. इस मुलाकात में मसले पर बयानबाजी से बचने की नसीहत दी थी. हालांकि, अब पार्टी हाईकमान इस मामले में विधायक के रवैये से सख्त नाराज दिखाई दे रहा है.
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पार्टी से कड़ी 'सजा' भी संभव
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा बलिया की घटना में लखनऊ से मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद ऐसा किया गया. हालांकि सुरेन्द्र सिंह को पार्टी कार्यालय के बाहर इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से मिलने की 'अनुमति' नहीं थी और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें कार तक ले गए लेकिन सूत्रों ने कहा कि उन्हें राज्य के नेतृत्व द्वारा 'चेतावनी' दी गई है. पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, 'उन्हें स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि अगर वह नहीं सुधरे और विवादित बयान देना बंद नहीं किया तो पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगी.'
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यह है मसला
बलिया के दुर्जनपुर गांव में दो दुकानों के आवंटन पर विवाद के बाद गुरुवार को धीरेंद्र प्रताप सिंह ने अधिकारियों की मौजूदगी में खुली बैठक में 46 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. बलिया जिले के बैरिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा विधायक ने कहा था कि धीरेंद्र ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी. उन्होंने दावा किया था कि अगर धीरेंद्र ने गोली नहीं चलाई होती, तो घटना में उनके परिवार की दर्जनों महिलाएं मारी गई होती.