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भवानीपुर में भी नंदीग्राम जैसे संग्राम के आसार, बड़े चेहरे पर दांव लगाएगी BJP 

पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराने के बाद अब बीजेपी भवानीपुर को लेकर भी खास तैयारी कर रही है.

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Kuldeep Singh
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Mamata Banerjee

ममता बनर्जी( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराने के बाद अब बीजेपी भवानीपुर को लेकर भी खास तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि बीजेपी किसी बड़े चेहरे पर दांव खेल सकती है. नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी को कभी उनकी खास रहे शुभेंदु अधिकारी से हार का सामना करना पड़ा था. अगर ममता बनर्जी इस सीट से चुनाव हारती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा देना होगा. 

बीजेपी इन नामों पर कर रही विचार 
बीजेपी में भवानीपुर को लेकर मंथन जारी है. कई नामों पर विचार किया जा रहा है. अभिनेता से नेता बने रुद्रनिल घोष, पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय, पूर्व टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी और बीजेपी नेता डॉक्टर अनिर्बान गांगुली जैसे बड़े नाम इनमें शामिल हैं. हालांकि ममता बनर्जी इससे पहले साल 2011 और 2016 के चुनावों में भवानीपुर से ही जीती थीं. इस बार उन्होंने भवानीपुर के बजाए नंदीग्राम से चुनाव पड़ा. यह उन्हें भारी पड़ गया.  

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कांग्रेस और लेफ्ट में भी मंथन जारी
कांग्रेस में इस बात को लेकर मंथन जारी कि वह चुनाव में अकेले उतरे या लेफ्ट के साथ गठबंधन करें. इससे पहले विधानसभा चुनाव में रुद्रनील घोष भवानीपुर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार थे। हालांकि, उन्हें टीएमसी के सोहनदेब चटोपाध्याय से हार मिली थी. ममता बनर्जी जब नंदीग्राम से चुनाव हार गईं तो सोहनदेव ने अपनी सीट खाली कर दी. इस सीट पर 30 सितंबर को मतदान होगा. वहीं 3 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे.  

उपचुनाव को लेकर छिड़ा विवाद 
भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी का हवाला देते हुए शनिवार को अपनी अधिसूचना में कहा, 'उन्होंने (मुख्य सचिव) कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत, एक मंत्री जो लगातार छह महीने की अवधि के लिए राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं है' उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं बने रहेंगे और सरकार में शीर्ष कार्यकारी पदों में एक संवैधानिक संकट और शून्य होगा जब तक कि चुनाव तुरंत नहीं होते.' उन्होंने यह भी सूचित किया है कि प्रशासनिक जरूरतों और जनहित को देखते हुए और राज्य में शून्य से बचने के लिए 159-भवानीपुर, कोलकाता के लिए उपचुनाव कराए जा सकते हैं, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ने की इच्छा रखती हैं.

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राजनीतिक हलकों में छिड़ी बहस
अधिसूचना के अनुसार, 'मुख्य सचिवों से संबंधित राज्यों और संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के इनपुट और विचारों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने अन्य 31 विधानसभा क्षेत्रों और 3 संसदीय क्षेत्रों में उप-चुनाव नहीं कराने और संवैधानिक आवश्यकता और विशेष अनुरोध पर विचार करने का निर्णय लेते हुए पश्चिम बंगाल राज्य ने 159-भवानीपुर एसी में उपचुनाव कराने का फैसला किया है.' अधिसूचना ने तुरंत राजनीतिक हलकों में बहस का मुद्दा बना दिया. भाजपा नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, 'चुनाव आयोग और भाजपा के बीच कोई समझ नहीं है. क्या चुनाव आयोग यह बता पाएगा कि देश में 31 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं? राज्य के मुख्य सचिव हरे कृष्णा द्विवेदी ने चुनाव आयोग को लिखा कि अगर भवानीपुर में उपचुनाव नहीं हुआ तो राज्य में संवैधानिक संकट होगा. वह यह नहीं लिख सकते. छह और निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव नहीं हो रहे हैं. हम इसे एक मुद्दा बनाएंगे.'

HIGHLIGHTS

  • 30 सितंबर को होगा मतदान, 3 अक्टूबर को आएंगे नतीजे  
  • भवानीपुर से 2011 और 2016 में चुनाव जीत चुकीं हैं ममता
BJP Mamata Banerjee nandigram Bhawanipur by election Bengal by election
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