Advertisment

बीजेपी का ध्यान अब मुस्लिम महिलाओं को संगठन से जोड़ने पर

लोकसभा चुनाव में सफलता के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब सदस्यता अभियान में जुटने जा रही है. इसे लेकर उसने अब मुस्लिम महिलाओं की ओर खासतौर से ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बनाई है.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
बीजेपी का ध्यान अब मुस्लिम महिलाओं को संगठन से जोड़ने पर
Advertisment

लोकसभा चुनाव में सफलता के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब सदस्यता अभियान में जुटने जा रही है. इसे लेकर उसने अब मुस्लिम महिलाओं की ओर खासतौर से ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बनाई है. बीजेपी ने बाकायदा चुने हुए विषयों को लेकर मुस्लिमों के बीच जाने का फैसला किया है. इसके जरिए प्रदेश की मुस्लिम महिलाओं को भरोसा दिलाया जाएगा कि उनकी हितचिंतक सिर्फ और सिर्फ बीजेपी ही है. सदस्यता अभियान को लेकर तीन दिन पहले हुई बैठक में अल्पसंख्यक, विशेषकर मुस्लिम महिलाओं को अधिक से अधिक संख्या में बीजेपी से जोड़ने के प्रस्ताव पर सहमति बनी है.

ये भी पढ़ें: G20 Summit 2019: ट्रंप से लेकर जिनपिंग तक इन नेताओं से मिलेंगे पीएम मोदी, ये मुद्दे रहेंगे अहम

बीजेपी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हैदर अब्बास चांद ने इस बारे में कहा, 'बीजेपी मुस्लिमों के लिए कभी अछूत नहीं रही है. हमने इस समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ा है. बड़ी संख्या में खुद लोग अब हमसे जुड़ रहे हैं. और भी लोगों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है.'

चांद ने बताया, 'तीन तलाक मुद्दा मुस्लिम महिलाओं को बीजेपी के करीब लाने में काफी मददगार साबित हुआ. अन्य राज्यों में भी बीजेपी मुसलमानों को प्रत्याशी बना चुकी है. इससे इस वर्ग को विश्वास हो गया है. बीजेपी उनके भविष्य की चिंता कर रही है. लिहाजा हम सदस्यता अभियान के दौरान अपना मुख्य फोकस अल्पसंख्यक, विशेष कर मुस्लिम महिला वर्ग पर रखना चाहते हैं.'

चांद ने बताया कि अशिक्षित महिलाओं और तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को जागरूक किया जाएगा और घर-घर जाकर मोदी सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हित में चल रहीं योजनाओं के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाएगा.

और पढ़ें: पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया मुस्लिम बेटियों को तोहफा, 50 लाख लड़कियों को सालाना स्कॉलरशिप

उन्होंने बताया, 'हमने एक जिले में 10 हजार मुस्लिम महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. पूरे प्रदेश में लगभग पांच लाख मुस्लिम महिलाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. यह अभियान छह जुलाई से चलाया जाना है. मेरे नेतृत्व में एक लाख 35 हजार नये सदस्य बने थे, जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं.'

अवध क्षेत्र की मीडिया प्रभारी रुखशाना नकवी ने कहा, 'तीन तलाक विरोधी कानून का बहुत अच्छा असर हुआ है. अन्य योजनाओं का मुस्लिम महिलाओं पर बहुत अच्छा असर हुआ है. यहां पर हर बूथ पर अल्पसंख्यक महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया है. अब हर रोज मेरे पास बीजेपी से जुड़ने के लिए फोन आ रहे हैं.'

उन्होंने बताया, 'मेरे पास 16 जिलों का प्रभार है. लगभग हर जिले से एक हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. मुस्लिम महिलाएं बहुत ज्यादा प्रताड़ित हैं. इनकी खबर किसी दल ने नहीं ली है. सभी सिर्फ वोट बैंक के लालच में अपने को मुस्लिम हितैषी बताने में जुटे हैं. इस बार खासकर मुस्लिम महिलाओं को बीजेपी सरकार से लाभ हुआ है. वे बीजेपी की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही हैं.'

ये भी पढ़ें: BJP के इस मंत्री ने ट्रिपल तलाक की तुलना सती प्रथा से की, जानिए क्या है वजह

रुखशाना ने कहा, 'हाल के दिनों में मुस्लिम महिलाओं में जागरूकता काफी बढ़ी है. केन्द्र व राज्य की बीजेपी सरकारों द्वारा मुस्लिम महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलम्बी बनाने की दिशा में जो कार्य किए गए हैं, इससे प्रभावित होकर मुस्लिम महिलाएं लगातार बीजेपी से जुड़ रही हैं.'

अल्पसंख्यक मोर्चा की रशीदा बेगम ने कहा, 'हाल के दिनों में मदरसा बोर्ड में नाजनीन अंसारी को सदस्य, सौफिया अहमद को अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य एवं आसिफा जमानी को उर्दू एकेडमी का चेयरमैन बनाए जाने समेत मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी सरकार में बढ़ाने से उनका झुकाव तेजी से पार्टी की तरफ हो रहा है. पहली बार कोई सरकार मुस्लिम महिलाओं के हक हुकूक की बात कर रही है.'

BJP lok sabha election 2019 Muslim women Minority BJP Membership Campaign
Advertisment
Advertisment
Advertisment