भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के किसानों को ठगा है, छला है. उन्होंने कहा है कि पूरी सरकार राहुल गांधी के स्वागत में लगी हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पर किसानों की ऋण माफी के लिए दबाव बनाएंगे. अपने घोषणा पत्र को शासन का आधार मानने वाली कांग्रेस के घोषणा पत्र के पृष्ठ तीन, पैरा एक में दस दिन में कर्ज माफी की बात कही गई है, किन्तु सरकार ने अभी तक 7 मंत्रियों की एक विशाल कमेटी बनाई है और विभिन्न अधिकारियों के अध्ययन दल 9 राज्यों में गए हैं.
राठौड़ ने कहा कि उस समिति के संयोजक का कहना है कि आर्थिक विपन्नता के चलते प्रदेश में 150 किसानों ने आत्महत्या की है. जिसमें केवल हाड़ौती में 70 किसानों ने आत्महत्या की है, सरकार उनका कर्जा माफ करेगी. समिति के संयोजक कहते हैं कि वो प्रदेश के किसानों का 18 हजार करोड़ रूपए का कर्जा माफ करेंगे जबकि राज्य में किसानों पर कुल 99,995 करोड़ रूपए का कर्जा है.
बीजेपी नेता ने कहा कि राज्य सरकार अभी तक रोडमैप भी नहीं दे पाई कि किसानों का कर्जा किस प्रकार माफ किया जाएगा. सरकार कहती है कि डिफाल्टर का कर्जा माफ करेंगे. किन्तु यह स्पष्ट नहीं किया कि लिए गए ऋण की मूल राशि माफ करेंगे या ब्याज माफ करेंगे या पैनल्टी माफ करेंगे.
पूर्व मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार पर तीन लाख करोड़ रूपए से अधिक का कर्जा है. इस प्रकार की बातें करके राज्य सरकार किसानों से किए गए वादे से मुकर रही है, यह किसान के साथ छलावा है.
उन्होंने ने कहा कि 19 दिसंबर को मुख्य सचिव के आदेश से किसानों के कर्ज माफी का आदेश तो जारी किया गया किन्तु बिना वित्त विभाग की सहमति के उसकी रिलेवेंसी क्या है.
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वहीं राठौड़ ने केंद्र सरकार द्वारा गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण वाले फैसले को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तरफ इसे राजनीतिक जुमला बता रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कह रहे हैं कि वर्ष 2003 में गरीब सवर्णों के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण के लिए उन्होंने पत्र लिखा था. मुख्यमंत्री इस मामले में अपना रूख स्पष्ट करें.
बीजेपी वरिष्ठ नेता राठौड़ ने कहा कि वर्ष 2008 में बीजेपी सरकार ने गरीब सवर्णों के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक पारित करके राह खोली थी, जिसका आधार शशिमोहन कमीशन था. वर्ष 2015 में भी बीजेपी इस विषय में विधेयक लाई थी जो सर्वसम्मति से पारित हुआ था.
Source : News Nation Bureau