उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनाव के बीच BJP सांसद वरुण गांधी ने इंदौर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में PhD छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या से पहले लिखे उनके पत्र को पढ़ने के बाद उन्हें रोना आ गया था।
वरुण ने मंगलवार को विद्यासागर स्कूल में 'विचार नये भारत का' विषय पर अपने भाषण के दौरान यह बातें कही। वरूण गांधी ने कहा, 'पिछले साल हैदराबाद में दलित PhD छात्र रोहित वेमुला ने अपनी जान ले ली। जब मैंने उनकी चिट्ठी पढ़ी तो मुझे रोना आ गया। इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि मैं अपनी जान इसलिये दे रहा हूं क्योंकि मैंने इस रूप में जन्म लेने का पाप किया है। यह लाइन पढ़कर मुझे ऐसा लगा कि किसी ने मेरे हृदय पर पत्थर डाल दिया हो।'
इस दौरान वरुण गांधी ने पिछले महीने मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में दलितों के साथ भेदभाव के मामले का भी जिक्र किया। वरुण ने कहा, 'टीकमगढ़ के एक स्कूल में 70 प्रतिशत बच्चों ने एक हफ्ते तक केवल इसलिये मीड डे मील भोजन नहीं किया क्योंकि खाना बनाने वाला गरीब तबके के एक समुदाय का था। आखिर हम अपने बच्चों को क्या सिखा रहे हैं? आखिर यह देश और दुनिया किस तरफ जा रही है?'
वरुण ने कहा, 'डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कहा था कि हमें सियासी लोकतंत्र नहीं बल्कि सामाजिक लोकतंत्र की जरूरत है। हमें आज महसूस होता है कि वह सोच के मामले में अपने समय से कितने आगे थे।'
बीजेपी के सांसद ने अल्पसंख्यकों की दुश्वारियों का भी जिक्र किया और कहा, 'देश की आबादी में 17.18 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं लेकिन इनमें से केवल 4 फीसद लोग उच्च शिक्षा हासिल कर पाते हैं। हमें इन समस्याओं को हल करना है।'
वरुण ने इस दौरान लोन डिफॉल्टर और शराब कारोबारी विजय माल्य का भी जिक्र किया। वरुण ने कहा, 'देश के ज्यादातर किसान चंद हजार रुपये का कर्ज न चुका पाने के चलते जान दे देते हैं लेकिन विजय माल्या पर सैंकड़ों करोड़ रुपये का कर्ज बकाया होने के बावजूद वह एक नोटिस मिलने पर देश छोड़ कर भाग गया।'
उन्होंने देश के बडे औद्योगिक घरानों पर बकाया कर्ज माफ करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, 'अमीरों को रियायत दी जा रही है, जबकि गरीबों की संपत्ति को निचोड़ने का प्रयास हो रहा है।'
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वरुण गांधी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद हैं। वरुण गांधी का रोहित वेमुला पर दिया बयान इस लिहास से अहम है कि इस मुद्दे पर तब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की खूब किरकिरी हुई थी। खासकर, केंद्रीय मंत्री दत्तात्रेय और फिर मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी का नाम आने के बाद विपक्ष ने इस मामले को खूब तूल दिया था। वहीं, विजय माल्य के देश छोड़कर जाने के मसले पर भी कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करती रही हैं।
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Source : News Nation Bureau