जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार से बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया है। पार्टी का कहना है कि इस गठबंधन को जारी रख पाना असंभव हो गया था। बीजेपी की इस घोषणा के बाद राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है।
बीजेपी के इस कदम से राज्य में तीन साल से चली आ रही बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार का शासन खत्म हो गया है।
दरअसल रमज़ान के बाद सीज़फायर को खत्म करने के फैसले से पीडीपी नाराज़ थी और दोनों दलों के बीच इसको लेकर तनातनी काफी बढ़ गई थी। रमज़ान के दौरान सीज़फायर को लागू करने की घोषणा करने का आग्रह महबूबा मुफ्ती के कहने से ही किया गया था।
समर्थन वापसी की घोषणा करते हुए बीजेपी के महासचिव और राज्य प्रभारी राम माधव ने कहा, 'हमने शांति के लिये गठबंधन किया था और जनमत का सम्मान करते हुए साथ आने का फैसला लिया गया था।'
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उन्होंने कहा, 'रमज़ान सीज़फायर का भी सम्मान नहीं किया गया और राज्य में ये फैसला मुफ्ती के आग्रह पर लिया गया, लेकिन राज्य में हालात को बेहतर करने के लिये वो इस मौके का फायदा नहीं उठा पाईं।'
राम माधव ने कहा, 'घाटी में खराब हालात के लिये महबूबा मुफ्ती जिम्मेदार हैं और ऐसे में गठबंधन को जारी रख पाना संभव नहीं था।'
बीजेपी महासचिव ने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा तत्पर रही है और घाटी के विकास के लिये काफी फंड राज्य सरकार को दिया गया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हम भी इस सरकार में थे लेकिन मुख्य नेतृत्व असफल रहा है और हमारे मंत्रियों को काम नहीं करने दिया गया।'
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Source : News Nation Bureau