तीन कृषि कानूनों के खिलाफ नरुखेड़ी गांव के निवासियों ने मंगलवार को भाजपा-जेजेपी नेताओं का बहिष्कार करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यदि किसी ग्रामीण ने आदेश का उल्लंघन किया, तो उसे सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा. गांव में आयोजित एक पंचायत में 'पत्र' जारी किया गया था. यह निर्णय लिया गया कि धनराशि के लिए न्यूनतम 100 रुपये प्रति एकड़ का योगदान दिया जाएगा और परिवार का एक सदस्य दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन में शामिल होगा.
दरअसल, किसान आंदोलन के चलते करनाल (Karnal) के इंद्री में भाजपा और जेजेपी नेताओ की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. इन्द्री हलके के 9 गांव के किसानों (Farmers) ने भाजपा-जजपा नेताओं बहिष्कार कर दिया है. यहां पर भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने एकत्रित होकर एक मींटिग कर अपने गांव में बीजेपी और जेजेपी नेताओं का बहिष्कार करके गांव घुसने पर रोक लगा दी है.
बता दें कि यह फैसला उपस्थित सभी ने एकजुट होकर लिया है. गांव वासियों ने एक बैनर भी गांव के मुख्य द्वार पर लगाया जिसमें लिखा है कि बीजेपी व जेजेपी नेताओं का गांव में आना मना है. किसानों ने बताया कि देश के किसान इतनी भारी संख्या में पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर सडक़ों पर बैठे हुए हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. लगभग 100 से भी ज्यादा किसान अपनी जान गंवा बैठे हैं, लेकिन सरकार ने उनके प्रति संवेदना व्यक्त तक नहीं की है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने इन तीनों काले कानूनों को वापिस लेकर किसानों के चेहरों पर खुशी लाने का काम करे.
Source : News Nation Bureau