बीजेपी ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा महिला आरक्षण विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र को उनके मुस्लिमों को लेकर दिए बयान से ध्यान भटकाने वाला प्रयास बताया।
एक उर्दू दैनिक के मुताबिक, राहुल ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों की बैठक में कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी बताया था।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, प्रकाश जावड़ेकर ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'उन्होंने आज यह मुद्दा क्यों उठाया? यह उनके द्वारा दिए गए बयान से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास है..यह कांग्रेस को दोहरा रवैया है।'
जावड़ेकर ने कांग्रेस प्रमुख से यह जानने की इच्छा जताई कि क्या वह उन पार्टियों से समर्थन सुनिश्चित करेंगे, जिन्होंने पहले इस विधेयक का विरोध किया था।
जावेड़कर ने कहा, 'कांग्रेस ने उन पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, जिनने इस विधेयक का विरोध किया था। क्या वे गठबंधन से बाहर निकलेंगे? क्या वे उन पार्टियों को समर्थन के लिए पत्र लिखेंगे, जिन्होंने विधेयक का विरोध किया था।'
उन्होंने हालांकि समाजवादी पार्टी या राष्ट्रीय जनता दल का नाम नहीं लिया, जिनके साथ कांग्रेस का क्रमश: उत्तर प्रदेश और बिहार में गठबंधन है।
और पढ़ें: मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के लिए राहुल ने पीएम को लिखा पत्र, कहा-कांग्रेस करेगी समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए समर्थन मांगा था, जिसके तुरंत बाद बीजेपी नेता ने उनके बयान पर पलटवार किया।
राहुल ने दावा किया कि बीजेपी ने 2014 के घोषणा पत्र में इस वादे को प्रमुखता से शामिल किया था, लेकिन पार्टी अब इसपर दोहरा रवैया अपना रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान राज्यसभा द्वारा मार्च 2010 में पारित यह विधेयक लोकसभा में गत आठ वर्षो से एक के बाद एक बहाने की वजह से अटका पड़ा हुआ है।
राहुल ने कहा कि विधेयक में देश के शासन में परिवर्तन करने की क्षमता है। इसमें और अधिक देरी करने से यह 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पारित नहीं हो पाएगा।
मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 10 अगस्त को समाप्त होगा।
और पढ़ें: महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराधों पर लोगों को भटका रहे हैं पीएम मोदी: SP
Source : IANS