अनुच्छेद 370 की बहाली पर पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) का तिरंगे को लेकर दिया गया बयान अब उनके गले की हड्डी बनता जा रहा है. कुपवाड़ा से आए कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने का प्रयास किया. हालांकि इलाके में धारा 144 लागू होने और महज एक रैली की इजाजत होने की वजह से पुलिस ने तिरंगा फहराने जा रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि महबूबा मुफ्ती के खिलाफ उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. आज ही तिरंगा यात्रा भी निकाली जा रही है.
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गौरतलब है कि नजरबंदी से रिहा होते ही महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर तीखा बयान दिया था. उन्होंने कहा था, ‘मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी. जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे. मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे. वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है. उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है.’
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इसके खिलाफ बीजेपी सोमवार को तिरंगा यात्रा निकालने जा रही है. इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती के खिलाफ धरना-प्रदर्सन भी जारी है. इससे पहले रविवार को भी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जम्मू में पीडीपी के कार्यालय के बाहर नारेबाजी की थी. पीडीपी के दफ्तर के बाहर तिरंगा फहराया गया. दरअसल, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती हाल ही में नज़रबंदी से रिहा की गई हैं. जिसके बाद से घाटी में राजनीतिक हलचल बढ़ी है.
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई पार्टियों ने मिलकर एक बार फिर अनुच्छेद 370 को वापस लाने की मांग बुलंद की है. पार्टियों की ओर से एक गठबंधन बनाया गया है, गुपकार समझौता किया गया है. जिसका मकसद दोबारा 370 को वापस लागू करवाना है. इसको लेकर पहले पहल फारुक अब्दुल्ला और फिर महबूबा मुफ्ती के घर पर विपक्षी नेताओं की कई दौर की बैठक हो चुकी हैं.