भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अकेले अन्य सभी दलों का तुलना में चुनावी न्यास से 2017-18 में 167.80 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो कुल दान का 86.59 फीसदी है. चुनावी न्यास राजनीतिक वित्तपोषण के लिए गठित गैर लाभाकारी कंपनियां होती हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस, बीजू जनता दल (बीजद), राष्ट्रावादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और जम्मू एवं कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (जेकेएनसी) को समान अवधि में सामूहिक रूप से 25.98 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं.
बीते वित्तीय वर्ष (2016-2017) में भाजपा को अन्य सभी दलों का तुलना में चुनावी न्यास से 290.22 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ था, जो कुल दान 89.22 फीसदी था.
फिलहाल विभिन्न औद्योगिक घरानों और कंपनियों द्वारा गठित 22 पंजीकृत चुनावी न्यास हैं.
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रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा को प्रूडेंट चुनावी न्यास ने 154.30 करोड़ और एबी जनरल चुनावी न्यास ने 12.50 करोड़ रुपये दान किए हैं.
चुनाव आयोग ने जनवरी 2013 के बाद गठित न्यासों के लिए एक वार्षिक रिपोर्ट जमा कराना अनिवार्य किया हुआ है, जिसमें उनके द्वारा प्राप्त किए गए योगदान और राजनीतिक दलों को उनके द्वारा वितरित दान का विवरण देना शामिल है.
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एडीआर ने कहा कि लेकिन केवल 13 न्यासों ने ही चुनाव आयोग में अपनी योगदान रिपोर्ट की प्रतियां जमााई कराई हैं.
एडीआर ने ईसी से जनवरी 2013 से पहले गठित न्यासों द्वारा योगदान रिपोर्ट जमा कराना अनिवार्य करने की भी मांग की है.
एडीआर ने रिपोर्ट में कहा, "छह न्यासों के दान विवरण अभी भी अज्ञात है."
Source : IANS