इस साल के अंत तक होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी पटेल समाज को अपनी तरफ खींचने की कोशिश में लग गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता केशुभाई पटेल को सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट का दोबारा चेयरमैन नियुक्त किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल से मिल रही चुनौती को बेअसर करने के लिये ये कदम उठाया गया है।
बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के सोमनाथ मंदिर में पूजा के लिए पहुंचे तो अमित शाह के साथ वहां पर केशुभाई पटेल भी मौजूद थे। हालांकि केशुभाई पटेल सोमनाथ ट्रस्ट के निवर्तमान चेयरमैन है। लेकिन फिर से चेयरमैन बनाए जाने पर माना जा रहा है कि हार्दिक पटेल फैक्टर को मात देने के लिये बीजेपी राज्य की राजनीति में केशुभाई पटेल को आगे करना चाह रही है।
हाल ही में विवादों के कारण आनंदी बेन पटेल को गुजरात के सीएम पद से हटा दिया गया था। नितिन पटेलको मुख्यमंत्री बनाए जाने के कयस लगाए ज रहे थे लेकिन विजय रुपानी को राज्य का सीएम बनाया गया और नितिन पटेल को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। केशुभाई और हार्दिक दोनों ही पटेल समाज से हैं। ऐसे में केसुभाई को आगे करके बीजेपी पटेल समाज को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी। राज्य में इस साल के अंत में चुनाव हैं और पटेल पहले बीजेपी के साथ थे लेकिन आरक्षण को लेकर वो बीजेपी से नाराज़ चल रहे हैं।
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हार्दिक पटेल को बीजेपी विरोधी दल समर्थन दे रहे हैं और तो और बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने हार्दिक पटेल को राज्य का अगला सीएम भी घोषित कर दिया है।
केशुभाई पटेल को सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट का दोबारा चेयरमैन नियुक्त करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में लिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ट्रस्ट के सदस्य हैं और मंदिर में दर्शन के बाद उन्होंने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ बैठक भी की। इस बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे।
बैठक के बाद ट्रस्ट के सचिव के लाहिड़ी ने बताया, 'बैठक में सभी सदस्यों ने केशुभाई पटेल को दोबारा ट्रस्ट का चेयरमैन बनाए जाने पर सहमति जताई। ये प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से दिया गया जिसका समर्थन आडवाणी जी ने किया।'
पटेल समाज बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है। लेकिन आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समाज बीजेपी के खिलाफ हो गया है। हार्दिक पटेल लगातार पटेलों के लिये आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
सोमनाथ का महत्व
ट्रस्ट न सिर्फ सोमनाथ मंदिर का संचालन देखता है बल्कि वो गुजरात के प्रभाष पाटन इलाके के 64 मंदिरों का भी संचालन व्यवस्था देखता है।
सोमनाथ मंदिर से गुजरात ही नहीं देश के लोगों की भी आस्थाएं जुड़ी है। इसके ट्रस्ट में राजनीतिक लोगों का दखल रहा है। देश के पहले गृहमंत्री वल्लभ भाई पटेल की छाप आज भी दिखती है। इसके बोर्ड में पहले कांग्रेस का दबदबा था लेकिन मौजूदा समय में बीजेपी के सदस्य अधिक हैं। राजनीतिक लोगों के सदस्य होने के बावजूद ट्रस्ट ने कभी भी राजनीतिक मंच की तरह काम नहीं किया है।
लेकिन सोमनाथ मंदिर को दोबारा बनवाने का वादा देश के पहले गृहमंत्री वल्लभ भाई पटेल और उन्होंने इसे बनवाया भी। सरदार पटेल के कारण पटेलों का इसे मंदिर से काफी जुड़ाव भी माना जाता है।
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Source : News Nation Bureau