झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे कार्यकर्ता से पैर धुलवाकर और फिर उस पानी को चरणामृत समझकर कार्यकर्ता के पीने के बाद विवादों में आ गए हैं। दरअसल गोड्डा के कलाली गांव में एक पुल का शिलान्यास के बाद निशिकांत वहीं मंच पर बैठे थे। उसी वक्त पंकज शाह नाम के बीजेपी कार्यकर्ता ने सांसद दुबे के सम्मान में कसीदे गढ़ते हुए कहा सांसद महोदय ने ऐसा काम किया है कि चरण धोकर पीने का मन कर रहा है।
बस फिर क्या था कार्यकर्ता ने मंच पर ही थाली और पानी मंगवाया और सांसद निशिकांत दुबे के पैर धोने लगा। चापलूसी की हद तो तब पार हो गई जब पंकज शाह ने उस गंदे पानी को अंजुली में लिया और चरणामृत की तरह पी गया। वहां मौजूद दूसरे कार्यकर्ता इस कृत्य पर ताली बजा रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे कोई भक्त भगवान के पैर धो रहा है।
कार्यकर्ता के इस चापलूसी से सांसद निशिकांत दुबे भी फुले नहीं समा रहे थे और बेहद खुश होकर खुद उन्होंने इसकी तस्वीर अपने सोशल मीडिया फेसबुक पर शेयर किया था।
तस्वीर के वायरल होने के बाद जब विवाद बढ़ा तो बीजेपी बैकफुट पर आ गई और सफाई देनी पड़ी। बीजेपी की तरफ से कहा गया कि जब कार्यकर्ता अपनी खुशी से पैर धो रहा था इसमें ऐसा क्या हो गया और झारखंड में अतिथियों के पैर धोने का रिवाज भी है। इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। बीजेपी की तरफ से सवाल किया गया कि क्या अतिथि के पैर धोना गलत है और क्या भगवान कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा का पैर नहीं धोया था ?
पैर धुलवाने की तस्वीर सामने आने पर ट्रोल होने के बाद निशिकांत दुबे ने इस पर सफाई भी दी और कहा कि उन्होंने भी अपने शिक्षक जो जाति के कुर्मी थे उनका पैर धोकर पिया था।
Source : News Nation Bureau