हाल ही में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में डिमोशन पाने वाले मंत्रियों में शामिल रहे पीयूष गोयल को भारतीय जनता पार्टी ने अब बड़ी जिम्मेदारी दी है. रेल मंत्रालय से हटाने के बाद अब पीयूष गोयल को राज्यसभा में सदन का नेता बनाया गया है. थावरचंद गहलोत को राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद यह पद खाली हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी अब पीयूष गोयल को दी गई है. पीयूष गोयल के पास अभी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के साथ कपड़ा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है.
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बता दें कि राज्यसभा में सदन के नेता अभी तक पूर्व सामाजिक एवं न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत थे, जिन्हें अब कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया है. गहलोत से पहले यह अहम जिम्मेदारी दिवंगत नेता अरुण जेटली के पास थी. फिलहाल संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले अब पीयूष गोयल का प्रमोशन हो गया है और उन्हें राज्यसभा में नेता सदन का ओहदा दे दिया गया है. पीयूष गोयल को पीएम मोदी का भरोसा हासिल करने वाले मंत्रियों में शुमार किया जाता है.
मालूम हो कि 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, जो 13 अगस्त तक चलेगा. देश में मौजूदा कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद यह पहला सत्र होगा, जिसका समय सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा. सत्र संसद के दोनों सदनों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी आवश्यक प्रोटोकॉल और सांसदों को सामाजिक दूरी के आधार पर समायोजित करने की व्यवस्था की जाएगी.
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इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के आगामी मानसून सत्र से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए 18 जुलाई को सभी सदनों के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बैठक सुबह 11 बजे से संसद परिसर में शुरू होने की संभावना है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी बैठक के दौरान सदन के नेताओं से बातचीत करेंगे और 19 जुलाई से सत्र शुरू होने से पहले उनके विचार लेंगे.