केंद्र के तीनों कृषि कानूनों (Fram Bills) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इसे लेकर किसानों ने 26 मई को देशभर में विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है. बीकेयू नेता राकेश टिकैत (BKU leader Rakesh Tikait ) ने बुधवार को किसानों द्वारा मनाए जाने वाले ब्लैक डे पर कहा कि हम काले झंडे लगाएंगे. कोई भीड़-भाड़ या जनसभा नहीं होगी. कोई दिल्ली नहीं जा रहा है. लोग जहां भी होंगे झंडे लगाएंगे. अब 6 महीने हो गए हैं, सरकार ने काला कानून वापस नहीं लिया है.
आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, हरियाणा के हिसार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khatter) का विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ पुलिस ने हिसंक कार्रवाई की. इसमें कई किसानों को गहरी चोटें भी आई थीं व कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया था. किसानों के भारी विरोध के बाद पुलिस ने किसानों पर कोई केस न दर्ज करने का फैसला लिया, लेकिन पुलिस ने 350 से अधिक किसानों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर लिए.
इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मई को देशभर में विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है और सभी देशवासियों से अपने घर और वाहन पर काला झंडा लगाने और मोदी सरकार के पुतले जलाने की अपील की है. चूंकि इसी दिन भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव 'बुद्ध पूर्णिमा' भी पड़ता है, इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने यह फैसला किया है कि उस दिन सभी मोचरें और धरनों पर अपने अपने तरीके से बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी.
किसान आंदोलन के दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने पूरा होने पर व केंद्र की मोदी सरकार को 7 साल पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया है. इस दिन मोदी सरकार के पुतले जलाने का भी आह्वान किया गया है. इस दिन देशवासियों से अपील है कि "वे अपने घरों, दुकानों, वाहनों समेत सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाकर किसान विरोधी-जनता विरोधी मोदी सरकार का विरोध करें." इस मुहिम का देश की ट्रेड यूनियन, छात्र संगठन व तमाम जनवादी संगठन समर्थन कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau