तमिलनाडु में कुन्नूर के पास चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य लोगों की मौत के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की तलाश गुरुवार को पूरी हो गई. दुर्घटनास्थल पर तलाशी का दायरा बढ़ा दिया गया था. ब्लैक बॉक्स हेलीकॉप्टर की अंतिम उड़ान स्थिति और अन्य पहलुओं के बारे में डेटा बता सकता है. भले ही इसे ब्लैक बॉक्स कहा जाता है, लेकिन उड़ान डेटा रिकॉर्डर को चमकीले नारंगी रंग में रंगा जाता है और यह उड़ान डेटा और कॉकपिट वातार्लापों को रिकॉर्ड करता है.
हादसे के बारे में पता चल सकेगा
हेलीकॉप्टर के अवशेषों की आगे की फोरेंसिक जांच से यह भी पता चल सकता है कि क्या दुर्घटना के बाहरी कारण थे. इसके अलावा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, वेलिंगटन, तमिलनाडु में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में डायरेक्टिंग स्टाफ भी उड़ान के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्रदान कर सकते हैं. करीब 80 फीसदी जलने के बाद सिंह का वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है. बुधवार को जनरल रावत और उनकी पत्नी सहित 14 लोगों के साथ भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने सुलूर हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, जो कुन्नूर में उतरने से कुछ मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
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वायुसेना प्रमुख ने किया घटनास्थल का दौरा
गुरुवार को ही भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और तमिलनाडु के डीजीपी सी शैलेंद्र बाबू ने हेलीकॉप्टर क्रैश की साइट का जायजा लिया. उन्होंने स्थानीय लोगों से बात की और ब्लैक बॉक्स खोजे जाने का दायरा बढ़ाने को कहा. बताते हैं कि हेलीकॉप्टर क्रैश होने के धमाके के बाद पहुंचे बचाव और राहत दल के एक सदस्य के मुताबिक सीडीएस बिपिन रावत हादसे के बाद भी जीवित थे. प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक सीडीएस रावत की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हुई. हादसे के बाद जनरल रावत के शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह से जल गया था.
HIGHLIGHTS
- गुरुवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिला
- भारतीय वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने भी किया दौरा
- ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद पता चल सकेगा हादसे का कारण