एक तरफ पूर देश महामारी कोरोनावायरस से जूझ रहा है. वहीं दूसरी तरफ ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने भी पैर पसारना शुरू कर दिया है. देश में तेजी से ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं. करीब 11 राज्यों में ब्लैक फंगस फैस चुका है. अब कोरोना महामारी संकट के साथ ब्लैक फंगस ने भी लोगों की चिंता बढ़ानी शुरू कर दी है. विशेषज्ञों के अनुसार नमी के जरिए ब्लैक फंगस ज्यादा पनपता है. इसमें कोरोना मरीजों को और ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है. भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार म्यूकर माइकोसिस एक तरह का दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. यह संक्रमण मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर कर रहा है. इस बीमारी में कई के आंखों की रौशनी चली जाती है वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है. अगर समय रहते इलाज न मिले तो मरीज की मौत हो सकती है.
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उत्तर प्रदेश
कोरोना महामारी संकट के साथ ब्लैक फंगस ने भी लोगों की चिंता बढ़ानी शुरू कर दी है. उत्तर प्रदेश में मेरठ, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर और लखनऊ के साथ ही बरेली के लोग भी इसकी चपेट में हैं. विशेषज्ञों के अनुसार नमी के जरिए ब्लैक फंगस ज्यादा पनपता है. इसमें कोरोना मरीजों को और ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है. मुख्यमंत्री योगी ने भी इस फंगस अलर्ट करते हुए विशेषज्ञों से इस सबंध में रिपोर्ट मांगी है.
हरियाणा
हरियाणा में ब्लैक फंगस के 27 मामले सामने आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस को अधिसूचित रोग घोषित कर दिया गया है. अब यदि प्रदेश के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में ब्लैक फंगस के रोगी का निदान होता है तो इसकी सूचना स्थानीय जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को देनी होगी, ताकि बीमारी की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जा सकें.
विज ने कहा कि बीमारी के इलाज के लिए रोहतक में पीजीआईएमएस के वरिष्ठ डॉक्टर राज्य में कोरोना वायरस का इलाज कर रहे सभी डॉक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे और उन्हें बीमारी के इलाज की जानकारी देंगे.
बिहार
बिहार में लोगों पर कोरोना का कहर बरपाया हुआ है . पटना में ब्लैक फंगस के ताजा मामलों का भी पता चला है. बिहार में ब्लैक फंगस के 29 कुल मामले सामने आए, जिनमें से 8 पटना एम्स में भर्ती हैं. अन्य अस्पतालों में बाकियों का भी इलाज चल रहा है.
पटना, एम्स के एक डॉक्टर के अनुसार, कम प्रतिरक्षा वाले व्यक्ति काले कवक के शिकार हो सकते हैं. आंखों में सूजन और दर्द, नाक में सूखापन, कम आंखों का दिखना कुछ सामान्य लक्षण म्यूकोर्मिकोसिस के हैं. उन्होंने आगे सुझाव दिया कि ऐसे कोरोना से बचने को उच्च आद्र्रता, धूल भरे क्षेत्रों, एयर कंडीशनिंग सिस्टम आदि से बचना चाहिए.
गुजरात
गुजरात में ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं. स्थिति इतनी खराब है कि राज्य सरकार ने इसके लिए अलग से वार्ड बनाने शुरू कर दिए हैं. यहां अबतक 200 से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं. इनमें से कई मरीजों की आंख की रोशनी तक जा चुकी है.
दिल्ली
दिल्ली में ब्लैक फंगस के अभी तक कुल 160 मरीज मिले हैं और एम्स में इसके 23 मरीजों का इलाज हो रहा है.
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने पैर पसारने शुरु कर दिए हैं. इस बीमारी की चपेट में कोरोना से मुक्त हुए लोग आ रहे हैं. राज्य सरकार भी इससे चिंतित है और उसने इससे निपटने की तैयारी शुरु कर दी है. वहीं दवाओं की कालाबाजारी और जमाखोरी पर नजर बनाए हुए है. राज्य के कई हिस्सों में ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ रहे हैं, मौतों का सिलसिला भी जारी है. यह वे लोग है जो शुगर के मरीज हैं और कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि जिन कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड केयर की आवश्यकता है, उनकी देखभाल कोविड केयर सेंटर में की जाए. इन सेंटर्स पर डॉक्टर की सलाह अनुसार ऐसे व्यक्तियों को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाएगा. सीएम शिवराज ने कहा कि ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं स्थापित की जा रही हैं. इस बीमारी के लिए उपयोगी दवा की कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए जिला प्रशासन सतर्क किया गया है.
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में पिछले साल कोविड-19 फैलने के बाद से अब तक दुर्लभ और गंभीर फंगल संक्रमण ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) से 52 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 8 मरीजों के एक आंख की दृष्टि गायब हो गई है, जिससे उन्हें दिखाई देना बंद हो गया है. सूबे में तेजी से फैल रहे इस रोग से राज्य स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ गई है. राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार ब्लैक फंगस से मृत लोगों की सूची बनाई है. जिसमें यह आंकड़ा सामने आया है.