पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि स्विस बैंक में अवैध तरीके से काला धन जमा करने वाले भारतीय नागरिकों को कालाधन कानून के तहत कठोर दंडात्मक प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।
अरुण जेटली ने कहा कि सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के संबंध में द्विपक्षीय समझौते के तहत अगले साल से स्विट्जरलैंड खातों की जानकारी साझा करना शुरू कर देगा।
स्विस नेशनल बैंक द्वारा जारी हालिया आंकडों से संबंधित खबरों में सरकार के कालाधन रोधी उपायों पर उठाए गए सवालों का जिक्र करते हुए जेटली ने उसे गलत सूचना के आधार पर दी गई प्रतिक्रिया करार दिया।
जेटली ने एक ब्लॉग में लिखा, 'आज (शुक्रवार) को स्विस बैंकिंग सिस्टम में भारतीयों के धन में इजाफा का संकेत देते हुए खबर आई है। इससे गलत सूचना से प्रेरित प्रतिक्रिया कुछ जगहों से मिली है जिसमें सरकार के कालाधन रोधी कदम पर सवाल उठाए गए हैं।'
स्विस बैंक द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, तीन साल में स्विस बैंक में भारतीय के धन में लगातार बढ़ोतरी के साथ 2017 में पिछेले साल की तुलना में 50 फीसदी इजाफा हो गया है जोकि स्विस करेंसी में 1.02 अरब फ्रैंक है।
जेटली ने कहा कि स्विटजरलैंड ने बैंक में जमा धन के खुलासे को लेकर अपने कानून में बदलाव लाया है जिसके बाद भारत कके साथ सही समय पर खातों की सूचना साझा करने को लेकर एक संधि हुई है।
और पढ़ें- स्विस बैंक में भारतीयों की जमाराशि में इजाफे पर पीयूष गोयल की सफाई, कहा- डेटा मिलने तक क्यों माने कालाधन
Source : IANS