लद्दाख बॉर्डर (Ladakh border) पर भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प (india- china clash today) में एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 3 जवान शहीद हुए हैं. वहीं भारत की सेना ने भी चीनियों का मुंहतोड़ जवाब दिया है. चीन के कम से काम पांच जवान को भारत ने मार गिराया है.हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है. सवाल यह है कि भारत-चीन के तनाव के पीछे वजह क्या है? पूर्वी लद्दाख़ का पैंगोंग त्सो झील और गालवन घाटी मौजूदा विवाद की वजह है.
दरअसल, भारत अपने हिस्से में सड़क बना रहा है. भारत पेंगोंग त्सो (झील) इलाके में एक खास सड़क बना रहा है. गलवान घाटी में डारबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी सड़क को जोड़ने वाली एक सड़क भी बनाया जा रहा है. जिस पर चीन को एतराज है. वो चाहता है कि भारत अपने इस प्रोजेक्ट को रोक दे.
5 मई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई थी झड़प
पअंगोंग त्सो झील क्षेत्र में 5 मई को दोनों देशों के सैनिक लोहे की छड़ों और लाठी-डंडे लेकर आपस में भिड़ गए थे. भारत और चीन के सैनिकों के बीच मई महीने में 3 बार झड़प हो चुकी है.इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव भी हुआ था. इस घटना में दोनों देशों के कई सैनिक घायल हुए थे.
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फिंगर-4 के पास दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने डटे हैं
इसके बाद से ही ईस्टर्न लद्दाख में फिंगर-4 के पास दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने डटे हैं. पैंगोग शो लेक से आगे के पहाड़ी इलाके में 8 पहाड़ हैं. पहाड़ों के इन अलग-अलग उभार को फिंगर 1 से लेकर फिंगर 8 तक नाम दिया गया है.ॉ भारत का दावा है कि फिंगर 1 से फिंगर 8 तक का पूरा इलाका भारत का है जबकि चीन फिंगर 8 से फिंगर-2 तक अपना इलाका मानता है.गलवान में चीन के 100 टेंट होने की रिपोर्ट है, इसके अलावा बंकर बनाने की मशीन भी मौजूद है.
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1967 के बाद पहली बार एलएसी पर खूनी झड़प
कुछ दिन पहले दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण हल के लिए सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही थी. लेकिन बीती रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई. 1967 के बाद पहली बार एलएसी पर खूनी झड़प हुई है.
Source : News Nation Bureau