मुंबई (Mumbai) के एक सरकारी अस्पताल में कोविडृ-19 के मरीजों के पास कथित तौर पर इस संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव रखे दिखाई देने वाला एक वीडियो सामने आने के बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. 3 लोगों की जांच कमेटी बनाई गई है, जो इस मामले की जांच करेगी. इस वक्त साइन अस्पताल में 125 कोरोना वायरस (Corona Virus) के मरीज अपना इलाज करा रहे हैं. इस अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 210 बेड है. पांच वेंटिलेटर और आठ आईसीयू बेड है पर एक भी खाली नहीं है. फिलहाल इस वीडियो के बारे में कहा जा रहा है कि यह वीडियो 4 से 5 दिन पुराना है.
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दरअसल, मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के पास कथित तौर पर इस संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव रखे दिखाई देने वाला एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में मुंबई के सायन इलाके में लोकमान्य तिलक म्युनिसिपल जनरल अस्पताल में इलाज करा रहे कोविड-19 मरीजों के पास कथित तौर पर कुछ शव रखे दिखाई दे रहे हैं. जिन चार शवों को वीडियो में देखा गया, वह शव कोविड-19 से मरने वालों के थे या फिर इनकी मौत किसी अन्य कारण से हुई है, यह भी जांच के बाद साफ होगा.
उधर, वीडियो के सामने आने के बाद इस पर विवाद शुरू हो गया है. भाजपा ने शिवसेना के शासन वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका पर निशाना साधा है. वीडियो पर बरसते हुए भाजपा विधायक नितेश राणे ने कहा कि यह दिखाता है कि बीएमसी मरीजों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देती है. राणे ने टि्वटर पर इस वीडियो को टैग किया. भाजपा नेता ने कहा, 'सायन अस्पताल ने कोविड-19 बीमारी से मरने वाले लोगों के शवों के साथ इस बीमारी के मरीजों को रखकर घोर लापरवाही बरती है. बीएमसी सबसे अमीर नगर निकाय होने का दम भरता है लेकिन मरीजों की सुरक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं देता.'
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उन्होंने कहा कि सायन के अस्पताल में ज्यादातर मरीज धारावी से आते हैं जो देश की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है. बीजेपी नेता ने कहा कि इस तरीके से हम अपने कामकाजी वर्ग से पेश आते हैं? चिकित्सा कर्मियों और सायन अस्पताल की ऐसी लापरवाही से कोरोना वायरस संक्रमण और अधिक फैल सकता है.
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