बोफोर्स घोटाले में सीबीआई ने एक बड़ा ख़ुलासा किया है। सीबीआई के मुताबिक यूपीए सरकार के पास एक विकल्प था जिसके तहत इतावली कारोबारी ओत्तावियो क्वात्रोकी के बैंक खातों से पैसे की निकासी पर लगी रोक को जारी रखा जा सकता था। लेकिन तत्कालीन सरकार ने उस रोक को हटा लिया।
बता दें कि 2006 में ही क्वात्रोकी को कोर्ट ने अपराधी घोषित किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को क्वात्रोकी के फंड पर लगी रोक को जारी रखने के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन उस समय तक पैसा निकल चुका था।
बताया जाता है कि क्वात्रोकी ने यूके स्थित बैंक पर फंड जारी करने के लिए दबाव बनाया था।
सीबीआई ने संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) से हाल में जो सूचना साझा की है, उससे पता चलता है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार चाहती थी कि क्वॉत्रोकी अपने बैंक खातों से 1 मिलियन डॉलर (करीब 6.5 करोड़ रुपये) और 3 यूरो मिलियन (करीब 23 करोड़ रुपये) पैसे निकाल ले।
जांच में हुआ खुलासा, खराब गोले के कारण ट्रायल में उड़े थे होवित्जर तोप के परखच्चे, ट्रायल के बाद चीन की सीमा पर होनी है तैनाती
सीबीआई ने पीएसी को बताया, 'सीपीएस ने सुझाव दिया था कि सीआरपीसी की धारा 82 के तहत ओत्तावियो क्वात्रोकी को घोषित अपराधी करार देकर इसी धारा के तहत उसके जब्त किए गए फंड्स पर रोक को जारी रखा जा सकता है।'
ये जानकारी सीबीआई द्वारा हाल ही में संसद की लोक लेखा समिति को बताये गए जानकारी में मिली है। इसमें कहा गया है कि यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने क्वात्रोकी के फंड पर रोक को जारी रखने के रास्ते सुझाए थे जिसे तत्कालीन अडिशनल सॉलिसिटर जनरल भगवान दत्ता ने खारिज कर दिया था।
दत्ता का कहना था कि सीपीएस के वकील स्टीफन हेलमन ने सीआरपीसी की जो धारा सुझाई है, उसका सहारा लेने का कोई ठोस आधार नहीं है।
बोफोर्स घोटाला: सीबीआई से रक्षा मंत्रालय मांगेगा जवाब
Source : News Nation Bureau