कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देश में लगे लॉकडाउन के बाद केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने अप्रवासी मजदूरों को राहत देने के लिए रेल सेवा कुछ शर्तों के साथ बहाल कर दी है. इन मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ स्पेशल ट्रेन चलाई हैं. आईआरसीटीसी ने अपनी वेबसाइट पर सोमवार शाम छह बजे के बाद, 12 मई से चलने वाली विशेष ट्रेनों के लिए बुकिंग शुरू की और हावड़ा-नयी दिल्ली मार्ग की ट्रेन के एसी-1 और एसी-3 की सभी टिकटें 10 मिनट के भीतर बिक गईं. टिकटो की बुकिंग पहले शाम चार बजे से शुरू होनी थी, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कत के कारण उसमें देरी हुई. शाम करीब पौने पांच बजे आईआरसीटीसी ने सूचित किया कि बुकिंग शाम छह बजे से शुरू होगी. हावड़ा-नयी दिल्ली ट्रेन मंगलवार को हावड़ा से शाम पांच बजकर पांच मिनट पर रवाना होने वाली है. वेबसाइट पर टिकट उपलब्धता जांचने पर पता चला कि भुवनेश्वर-नयी दिल्ली विशेष ट्रेन के एसी-1 और एसी-3 की टिकटें भी शाम साढ़े छह बजे तक बिक चुकी थीं.
भारतीय रेल ने 12 मई से चरणबद्ध तरीके से यात्री ट्रेन सेवाएं शुरू कर रही हैं शुरुआत में चुनिंदा मार्गों पर 15 जोड़ी ट्रेनें (अप-एंड-डाउन मिलाकर 30 ट्रेनें) चलायेगी. विशेष ट्रेनें नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेंगी और डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू-तवी को जाएंगी. बुकिंग में देरी पर आईआरसीटीसी ने स्पष्टीकरण देते हुए शाम करीब पौने पांच बजे ट्वीट किया, विशेष ट्रेनें (डेटा) अपलोड की जा रही हैं. बुकिंग जल्दी शुरू होगी. इससे पहले सूत्रों ने कहा, वेबसाइट क्रेश नहीं हुई है, बल्कि डेटा अपलोड किया जा रहा है. उन्होंने यात्रियों से प्रतीक्षा करने का अनुरोध किया था.
रेलवे प्रतिदिन 100 ‘श्रमिक विशेष’ रेलगाड़ियां चलायेगा
सोमवार को कहा कि रेलवे प्रवासी श्रमिकों को तेजी से उनके गृह राज्य पहुंचाने के वास्ते अब प्रतिदिन 100 ‘श्रमिक विशेष’ रेलगाड़ियां चलायेगा. केन्द्र ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए गत एक मई से इस तरह की 468 रेलगाड़ियां चलाई गई है. इनमें से 363 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थल पर पहुंच गई है जबकि 105 रेलगाड़ियां रास्ते में हैं.
अधिक से अधिक प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने का लक्ष्य
जो 363 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थल पर पहुंची हैं उनमें आंध्र प्रदेश (एक रेलगाड़ी), बिहार (100 रेलगाड़ियां), हिमाचल प्रदेश (एक रेलगाड़ी), झारखंड (22 रेलगाड़ियां), मध्य प्रदेश (30 रेलगाड़ियां), ओडिशा (25 रेलगाड़ियां), राजस्थान (चार रेलगाड़ियां), तेलंगाना (दो रेलगाड़ियां), उत्तर प्रदेश (172 रेलगाड़ियां), पश्चिम बंगाल (दो रेलगाड़ियां) और तमिलनाडु (एक रेलगाड़ी) शामिल हैं. अधिक से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए अब सोमवार से इन श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रत्येक में 1,200 की जगह लगभग 1,700 यात्रियों को ले जाया जायेगा.
केंद्रीय गृहमंत्रालय और रेल मंत्रालय ने की थी साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस
केन्द्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने एक बयान में कहा, ‘एमएचए और रेल मंत्रालय ने श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी श्रमिकों को ले जाये जाने पर आज सुबह एक वीडियो कांफ्रेंस आयोजित की.' बयान में कहा गया है कि इसमें राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों ने भाग लिया...वीडियो कांफ्रेंस के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई और इस बात पर जोर दिया गया कि प्रवासी श्रमिकों को आश्वस्त किया जाना चाहिए कि घर जाने के इच्छुक सभी लोगों की यात्रा के लिए पर्याप्त संख्या में रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी. इसमें कहा गया कि प्रवासी श्रमिकों को जल्द से जल्द उनके पैतृक स्थानों पर ले जाने के वास्ते अगले कुछ हफ्तों तक प्रतिदिन सौ से अधिक रेलगाड़ियों को चलाये जाने की उम्मीद है. प्रत्येक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी में 24 डिब्बे होते हैं और प्रत्येक में 72 सीट होती हैं. अब तक सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए एक डिब्बे में केवल 54 लोगों को यात्रा की अनुमति दी जा रही है.
Source : News Nation Bureau