महाराष्ट्र विधानसभा में भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया गया है। विशेषाधिकार हनन का नोटिस विपक्ष ने दाखिल किया है।
यह नोटिस अरुंधति भट्टाचार्य के किसान कर्जमाफी पर दिए बयान पर लाया गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने महाराष्ट्र विधानमंडल की धारा 273 के तहत सभापति हरिभाऊ बागाडे को संबोधित करते हुए नोटिस भेजा है।
नोटिस में विखे पाटिल ने कहा है कि हाल के दिनों में देशभर में किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं और पिछले दो साल में अकेले महाराष्ट्र में 8,000 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है।
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विखे पाटिल ने कहा, 'महाराष्ट्र के लोग पूरी तरह से कृषि ऋण माफी की मांग कर रहे हैं और पिछले कुछ दिनों में यह मुद्दा विधानसभा में बार-बार उठाया गया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने आश्वासन दिया है कि मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।'
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में अरुंधति भट्टाचार्य का बयान किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। अरुंधति ने कहा था कि किसानों का ऋण माफ किए जाने से साख अनुशासन बिगड़ेगा और भविष्य में भी लोग कर्जमाफी की उम्मीद लगाए रहेंगे। यानी भविष्य में भी वे कर्ज नहीं चुकाएंगे।
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विखे पाटिल ने कहा कि एसबीआई की प्रमुख एक 'सरकारी कर्मचारी' हैं न कि राज्य या देश की 'नीति निर्माता' हैं। उन्होंने कहा कि अरुंधति भट्टाचार्य का बयान उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
किसानों का ऋण माफ करने का फैसला विधायिका लेगी। अरुंधति ने किसान कर्जमाफी के खिलाफ बयान देकर महाराष्ट्र विधानसभा का अपमान किया है, इसलिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे आगे का कदम उठाएं।
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Source : News Nation Bureau