विज्ञान मंत्रालय ने 17 जनवरी 2022 को ब्रिक्स विज्ञान प्रौद्योगिकी नवाचार (एसटीआई) संचालन समिति की 15 वीं बैठक में हुई चर्चा के अनुसार, एक माइक्रोसाइट (नॉलेज हब) के रूप में ब्रिक्स नवाचार लॉन्चपैड का शुभारंभ किया. ब्रिक्स स्टार्टअप्स फोरम की बैठक में यह तय हुआ कि भारत 5 कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा. जो ऊर्जा पर कार्य समूहों की बैठकें; जैव प्रौद्योगिकी और जैव चिकित्सा; आईसीटी और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग; STIEP (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और उद्यमिता भागीदारी) कार्य समूह की बैठक के रूप में है.
BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देश हैं, जो वैश्विक आबादी के 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार के 16 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं.
अपनी स्थापना के बाद से ब्रिक्स ने अपनी गतिविधियों का, विशेष रूप से समूह की नियमित बैठकें आयोजित करने, अंतरराष्ट्रीय संगठन में समन्वयक की भूमिका निभाने और अपने सदस्यों के बीच बहु-क्षेत्रीय सहयोग के लिए एजेंडा के निर्माण लिहाज़ से, विस्तार किया है. समूह का गठन 2009 में हुए पहले राष्ट्राध्यक्ष स्तरीय शिखर सम्मेलन के साथ हुआ था. इसके बाद हर साल वैश्विक महत्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए समूह की बैठक होती रही.
ब्रिक्स की स्थापना के बाद से इसके सामाजिक-आर्थिक सहयोग से जुड़े प्रमुख क्षेत्रों पर विचार करने का प्रयास किया गया है. इस प्रक्रिया में शिखर सम्मेलन स्तर की घोषणाओं का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है, ताकि प्रतिबद्धताओं और महत्वपूर्ण मुद्दों के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति का जायज़ा लिया जा सके.