ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) की हिरासत 25 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है. वह करीब दो अरब डॉलर की पीएनबी धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भारत में वांछित है. नीरव मोदी (48) को मार्च में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह तब से वैंड्सवर्थ की एक जेल में बंद है.
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ब्रिटिश उच्च न्यायालय ने 12 जून को उसकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी. यह जमानत के लिए उसकी तरफ दायर से चौथी अर्जी थी. उसके खिलाफ पिछले साल मई और जुलाई में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इसके बाद अगस्त, 2018 में ब्रिटेन के अधिकारियों से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए आग्रह किया गया था.
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नीरव मोदी बृहस्पतिवार को वीडियोलिंक के जरिए वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश हुआ. नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था. बता दें पीएनबी घोटाले के तहत नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर 13 हजार करोड़ रुपये के गबन का आरोप था. ये मामला 2018 में सामने आया था, तभी से ही विपक्ष इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरे हुए है.
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पंजाब नेशनल बैंक घाटाले (PNB Scam) के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के स्विस बैंक के चारो खातें को सीज कर लिया गया है. जांच एजेंसियों का शिकंजा नीरव मोदी की बहन पूर्वी मौदी पर भी कसा गया है. जानकारी के मुताबिक नीरव और पूर्वी मोदी के बैंक खातों में कुल 2 83.16 करोड़ रुपए जमा थे जिन्हें जांच एजेंसियों ने सीज कर लिया हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले का स्विस बैंक का बयान भी सामने आया है. बैंक का कहना है कि भारत के कहने पर उन्होंने नीरव मोदी और पूर्वी मोदी के खाते सीज कर लिए हैं.