ईरान की एक शक्तिशाली परिषद ने शनिवार को कहा कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हरमुज जलडमरूमध्य में उसके देश द्वारा ब्रिटिश तेल टैंकर को जब्त किया जाना दो हफ्ते पहले ब्रिटेन द्वारा एक ईरानी सुपरटैंकर को जब्त किये जाने की प्रतिक्रिया थी.वहीं ब्रिटेन ईरान द्वारा उसके टैंकर को जब्त करने के कदम से चिंतित हैं और उसने तेहरान को अवैध और अस्थिर बर्ताव वाला खतरनाक रास्ता चुनने के खिलाफ आगाह किया है.
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इस टैंकर के 23 सदस्यीय चालक दल में 18 भारतीय नागरिक हैं. इसबीच भारत ने आज कहा कि वह हरमुज जलडमरूमध्य में ईरान द्वारा ब्रिटिश झंडे वाले तेल टैंकर को पकड़े जाने के बाद उसमें सवार भारतीयों की सुरक्षित रिहाई और उन्हें स्वदेश भेजने के लिए ईरान के संपर्क में हैं.
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ईरान की गार्जियन काउंसिल के प्रवक्ता अब्बास अली कडखोदाई को उद्धृत करते हुए अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी फार्स ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय कानून में जवाबी कार्रवाई का नियम सबको पता है' और अवैध आर्थिक युद्ध का मुकाबला करना तथा तेल टैंकर को जब्त किया जाना इस नियम का एक उदाहरण है और यह अंतरराष्ट्रीय अधिकारों पर आधारित है.'
परिषद सरकारी मामलों में बमुश्किल टिप्पणी करती है लेकिन जब वह ऐसे करती है तो इसे सर्वोच्च नेता अयातोल्ला अल खमैनी के रुख के तौर पर देखा जाता है. यह इसलिए क्योंकि परिषद खमैनी के साथ बेहद नजदीकी से काम करती है जिनका कथन सभी सरकारी मामलों में अंतिम माना जाता है.