करीब एक महीने से चल रहा था कर्नाटक का 'नाटक' खत्म हो गया है. काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) ने शुक्रवार को सीएम पद की शपथ ले ली. वह चौथी बार मुख्यमंत्री का कमान संभालेंगे. कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला (Vajubhai Vala) ने उन्हें शपथ दिलाई है. यदियुरप्पा को 31 जुलाई तक साबित करना बहुमत होगा.
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बता दें कि कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के मंगलवार को शक्ति परीक्षण में असफल रहने के बाद से येदियुरप्पा सरकार गठन का दावा पेश करने के लिए पार्टी आलाकमान से निर्देश मिलने का इंतजार कर रहे थे. इसे लेकर जगदीश शेट्टार, अरविंद लिंबावली, मधुस्वामी, बसवराज बोम्मई और येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र समेत कर्नाटक बीजेपी के नेताओं ने गुरुवार को नई दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी और ऐसा बताया जा रहा है कि उन्होंने सरकार गठन के बारे में चर्चा की.
बीएस येदियुरप्पा ने कहा, राज्यपाल वजुभाई वाला ने आज शाम सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित किया है. इससे पहले सुबह उन्होंने बेंगलुरू स्थित राजभवन जाकर राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात कर नई सरकार बनाने का दावा किया था. इस पर राज्यपाल ने बीएस यदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिलाई. हालांकि, अभी उनकी सरकार बनाने के राह आसान नहीं है, क्योंकि उन्हें 31 जुलाई तक हरहाल में बहुमत हासिल करना होगा.
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गौरतलब है कि स्पीकर केआर रमेश कुमार ने दल-बदल विरोधी कानून के तहत गुरुवार को 3 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. हालांकि, 14 बागी विधायकों के त्यागपत्र पर स्पीकर ने अभी कोई निर्णय नहीं किया है. ऐसी स्थिति में कर्नाटक विधानसभा की सदस्य क्षमता 222 ही बनी हुई है. इसके तहत बहुमत के लिए येदियुरप्पा को 112 विधायकों का संख्याबल दिखाना होगा, जबकि बीजेपी के पास फिलहाल 106 विधायक ही है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्राप्त परिणामों के आधार पर पिछले साल मई में 104 विधायकों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ ली थी, लेकिन बहुमत सिद्ध न कर पाने पर उन्हें दो दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद 78 सीटों वाली कांग्रेस और 37 सीटें जीतने वाली जेडीएस ने गठबंधन कर राज्य में सरकार का गठन किया था. इस साझेदारी के तहत जेडीएस विधायक दल के नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे. यह अलग बात है कि कर्नाटक का नाटक भी तभी से शुरू हुआ था.