पूरा देश कोरोना महामारी से निपटने के लिए काम कर रही है. सभी राज्यों की सरकारें केंद्र के साथ कदम से कदम मिलाकर काम कर रहीं हैं तो वहीं पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से केंद्र की तनातनी बढ़ती जा रही है. केंद्र की टीम कोरोना वायरस की स्थिति का जायजा लेने पश्चिम बंगाल पहुंची है. टीम ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा से पूछा है कि राज्य पुलिस का सहयोग नहीं है तो बीएसएफ टीम की सुरक्षा व्यवस्था कर सकती है?
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दरअसल केंद्र की टीम को राज्य पुलिस द्वारा कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है. इसके बाद राज्य के मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में केंद्रीय टीम ने यह सवाल उठाया. केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव पर केंद्र सरकार के आदेश के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है. केंद्र सरकार की टीम इन दिनों पश्चिम बंगाल के अस्पताल, क्वारंटाइन सेंटर और कंटोनमेंट जोन का दौरान करने के लिए पहुंची है. टीम का आरोप है कि उसे राज्य की पुलिस सहयोग नहीं दे रही है.
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टीम की इस चिट्ठी का मुख्य सचिव की ओर से अभी तक जबाव नहीं दिया गया है. लेकिन अब टीम का चिट्ठी का जबाव देने तृणमूल कांग्रेस के नेता सामने आ गए हैं. टीएमसी सांसद डेरेक ओर ब्रायन ने कहा, 'टीम का उद्देश्य समझ नहीं आ रहा है. टीम ने उन जिलों का दौरा किया जहां कोई हॉटस्पॉट नहीं है. उनका असली उद्देश्य राजनीतिक वायरस फैलाना है. वे बेशर्मी से काम कर रहे हैं.'
हाल ही में इस टीम को लीड कर रहे केंद्रीय अतिरिक्त सचिव अपूर्वा चंद्रा ने राजीव सिन्हा को पत्र लिखा था. उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'मुख्य सचिव को यह कहते हुए सुना गया कि टीम कहीं भी जाने को स्वतंत्र है, लेकिन वह अपना समय टीम के साथ बर्बाद नहीं कर सकते. यह गृह मंत्रालय के आदेश का उल्लंघन है.'
Source : News State