राज्यसभा चुनाव को लेकर बसपा प्रमुख मायावती के आरोप पर पलटवार करते हुए यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि मायावती जी अखिलेश यादव से जिस गिफ़्ट की आशा कर रही थी वह नहीं मिला इसलिए बौखला गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'मायावती जी को अखिलेश की तरफ से रिटर्न गिफ़्ट में राज्यसभी की सीट नहीं मिली जिसकी उन्हें काफी उम्मीद थी। जिसकी वजह से वो हताश हो गई हैं और बौखलाहट में बीजेपी पर आधारहीन आरोप लगा रही हैं। जो लोगों के बीच हसी का विषय बन गया है।'
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'उनके विधायक ने हमारे राज्यसभा उम्मीदवार के लिए वोट किया तो वह बीजेपी पर धन का प्रयोग करने का आरोप लगा रही हैं लेकिन जब ओम प्रकाश राजभर उनके लिए वोट करते हैं तो वो विवेक का मामला हो जाता है। यह चुनाव पूरी तरह से पारदर्शी था।'
वहीं पार्टी प्रवक्ता और यूपी से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए जीवीएल नरसिंह राव ने कहा, 'जब से वह (बीएसपी) हारे हैं हमने उनकी कई बहानेबाजी सुनी है। उनके पास पर्याप्त संख्या में वोट ही नहीं था। किसी तरह उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके वोट लेने की कोशिश की थी लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा। एसपी अपना वोट बीएसपी को नहीं दिला पाई, ऐसे में किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त की बात कहना बेबुनियाद आरोप है।'
इससे पहले उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को मिली हार को लेकर मायावती ने बीजेपी पर धनबल प्रयोग करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ये सब इसलिए किया ताकि सपा और बसपा के बीच एक बार फिर से दूरी बने।
मायावती ने कहा ,'मैं साफ कर देना चाहती हूं कि सपा-बसपा का मेल अटूट है। बीजेपी का मकसद सिर्फ सपा-बसपा की दोस्ती को तोड़ना है, कांग्रेस पार्टी के साथ हमारे पुराने संबंध हैं जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी।'
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रास वोटिंग करने के लिए डराया धमकाया गया है। इतनी ही नहीं क्रास वोटिंग करने वाले अपने विधायक अनिल सिंह को उन्होंने पार्टी से निलंबित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी साज़िश के तहत एस-बीएसपी के गठबंधन को दरार पैदा कर खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन बरकरार रहेगा और आम चुनावों में उसे हराएंगे।
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मायावती ने कहा कि एसपी-बीएसपी एक रणनीति के तहत गोरखपुर और फूलपुर उप-चुनाव में साथ आये थे। जिसके बाद जो परिणाम सामने आया उससे सत्ताधारी पार्टी को दिन में तारे दिखने लगे।
इस अप्रत्याशित जीत मिलने के बाद बीजेपी ने सपा-बसपा के बीच दरार डालने की कोशिश की।
बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में जानबूझकर 10वां उम्मीदवार उतारा और सरकारी मिशनरी का दुरुपयोग किया। बीजेपी ने चुनाव में धन्नासेठ को उतारा और विधायकों को क्रॉस-वोटिंग करने के लिए डराया धमाका।
उन्होंने कहा कि एसपी-बीएसपी की नजदीकी से 'बीजेपी एंड कंपनी' डर गई है और इस गठबंधन को रोकने की साजिश कर रहे हैं। लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहती हूं कि 2019 में हमलोग मोदी को हराने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे।
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Source : News Nation Bureau